दिल्ली(deshabhi.com)। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया और राहुल गांधी भी मौजूद रहे। इस दौरान पार्टी के बैंक खातों को फ्रीज किए जाने के मुद्दे पर जमकर हमले बोले गए। केंद्र सरकार को केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग और चुनावी चंदों के मुद्दों पर घेरा गया। खरगे, सोनिया, अजय माकन से लेकर राहुल तक, सभी ने मोदी सरकार को जमकर घेरा। आइए जानते हैं किसने और क्या-क्या कहा…
राहुल ने कार्रवाई के समय पर सवाल उठाए
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि हमारे सभी बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। हम कोई प्रचार नहीं कर सकते, हम अपने कार्यकर्ताओं का समर्थन नहीं कर सकते, हम अपने उम्मीदवारों का समर्थन नहीं कर सकते। हमारे लोग हवाई जहाज तो छोड़िए, रेलवे की यात्रा के लिए भी टिकट नहीं खरीद सकते। यह चुनाव से दो महीने पहले किया गया। एक नोटिस 90 के दशक से आया, दूसरा 6-7 साल पहले; कुल राशि 14 लाख रुपये और सजा हमारी पूरी वित्तीय पहचान। चुनाव आयोग ने भी कुछ नहीं कहा। यहां कोई लोकतंत्र नहीं है। पहले से ही चुनाव लड़ने की हमारी क्षमता को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हम पहले ही एक महीना खो चुके हैं।
राहुल ने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी को निशाना बनाए जाने की कार्रवाई है। ऐसा प्रधानमंत्री और गृह मंत्री कर रहे हैं। यह विचार कि भारत लोकतंत्र है, एक झूठ है। आज भारत में कोई लोकतंत्र नहीं है। यह विचार कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, एक झूठ है। भारत के 20% लोग हमारे लिए वोट करते हैं और फिलहाल हम किसी भी चीज के लिए 2 रुपये का भुगतान नहीं कर सकते। यह चुनाव में हमें पंगु बनाने के लिए रचा गया है। भले ही आज हमारे बैंक खाते खोल दिए जाए तो भी भारतीय लोकतंत्र को काफी चोट पहुंचाई जा चुकी है।
राजनीतिक दलों को समान अवसर मुहैया हो: खरगे
इससे पहले मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि लोकसभा चुनाव घोषित हो चुके हैं। लोकतंत्र के लिए जरूरी है कि चुनाव निष्पक्ष रूप से कराया जाए। चुनावों में सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर मुहैया कराया जाए। ईडी, आईटी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों पर किसी का भी नियंत्रण नहीं होना चाहिए। पिछले कुछ दिनों में सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद चुनावी बॉन्ड का जो डेटा सबके सामने आया है, उससे देश की छवि को नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि चुनावी बॉन्ड को सुप्रीम कोर्ट ने गैर-कानूनी और असंवैधानिक करार दिया है। उस योजना के तहत मौजूदा सत्ताधारी पार्टी ने अपने खाते करोड़ों-अरबों रुपये से भर लिए। दूसरी ओर साजिश के तहत मुख्य विपक्षी दल के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं, ताकि पैसे के अभाव में चुनाव लड़ने में समान अवसर न मिले। यह सत्ताधारी दल का खतरनाक खेल है, जिसका दूरगामी असर होगा। अगर इस देश में लोकतंत्र को बचाना है, तो एक समान अवसर होना चाहिए।
कांग्रेस स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच चाहती है: खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मैं यह नहीं बताना चाहता कि भाजपा ने कुछ कंपनियों से पैसे कैसे लिए? चूंकि, सुप्रीम कोर्ट इस मामले की जांच कर रहा है, मुझे उम्मीद है कि सच्चाई जल्द ही हमारे सामने होगी। मैं संवैधानिक संस्थाओं से अपील करता हूं कि अगर वे स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं, तो उन्हें हमें अपने बैंक खातों का इस्तेमाल करने दें। हमें स्वतंत्र रूप से हमारे पैसों तक पहुंचने दिया जाए। कोई भी राजनीतिक दल आयकर के दायरे में नहीं आता है। फिर भी हम पर ऐसे शिकंजा कसने की कोशिश हो रही है।