Breaking: सुप्रीम कोर्ट से ED को झटका,शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस रद्द, अनिल टुटेजा और बेटे सहित 6 को SC से राहत

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रायपुर/नई दिल्ली (deshabhi.com)। छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाला मामले में ED को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने सोमवार को मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश समेत 6 आरोपियों को बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ECIR और FIR देखने से पता चलता है कि कोई विधेय अपराध नहीं हुआ है। जब कोई आपराधिक धनराशि ही नहीं है, तो मनी लॉन्ड्रिग का मामला ही नहीं बनता है। कोर्ट ने कहा कि, ED की शिकायत आयकर अधिनियम के अपराध पर आधारित थी।

कोर्ट ने कहा था- ED की शिकायत पर विचार नहीं –

सुनवाई के दौरान ED की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एसवी राजू से जस्टिस एएस ओका ने कहा था कि अगर कोई अपराध नहीं है, अपराध से कोई आय नहीं है। इसलिए ये मनी लॉन्ड्रिंग नहीं हो सकता है। कोर्ट ने कहा था कि शिकायत पर विचार नहीं किया जा सकता, क्योंकि कोई विधेय अपराध नहीं है।

अनिल टुटेजा और यश टुटेजा की गिरफ्तारी पर करीब 11 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ताओं ने ED की कार्रवाई को गलत बताया था। कहा था कि, जिस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई करना चाह रही है, उसमें कोई ठोस बेस नहीं है। यानी ईडी ने यह नहीं बताया कि टुटेजा ने कैसे अवैध धन का उपार्जन किया और कैसे इसकी मनी लॉन्ड्रिंग की।

6 आरोपियों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला –

जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुईयां की डबल बेंच शुक्रवार को रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश टुटेजा सहित अन्य 6 आरोपियों की याचिका पर सुनवाई की थी। इसके बाद अगली सुनवाई 8 अप्रैल यानी आज हुई, जिसमें डबल बेंच ने फैसला सुनाया है।

अनिल टुटेजा और बेटा यश पर FIR –

शराब और कोयला घोटाला मामले में ED ने दो पूर्व मंत्रियों, विधायकों समेत 100 लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज कराई है। इनमें कांग्रेस सरकार में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक यूडी मिंज, गुलाब कमरो का नाम शामिल है।

इसके साथ ही शिशुपाल के साथ ही 2 निलंबित IAS, रिटायर्ड IAS अफसर और कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल समेत अन्य के नेताओं के नाम शामिल है, जिसमें पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा व उनके बेटे यश टूटेजा को भी आरोपी बनाया गया है। इस कार्रवाई के खिलाफ उन्होंने अपने एडवोकेट के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

शराब खरीदने के दौरान रिश्वतखोरी का आरोप –

ईडी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में शराब में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया और 2019-22 में 2,000 करोड़ रुपए से अधिक काले धन की कमाई हुई। आरोप है कि CSMCL शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय) से शराब खरीदने के दौरान रिश्वतखोरी हुई। ये पूरा सिंडिकेट सरकार के इशारों पर ही चलता रहा। तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी इसकी जानकारी थी और कथित तौर पर कमीशन का बड़ा हिस्सा उनके पास भी जाता था। चार्जशीट के मुताबिक मंत्री कवासी लखमा और तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास को 50-50 लाख हर महीने दिए जाते थे।

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