मंगलकारी योग में मनाया जाएगा बड़ा मंगल, दूर होंगे सभी दुख एवं कष्ट,जानें कब है पहला बुढ़वा मंगल

admin
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सनातन धर्म में मंगलवार का दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है। वहीं, ज्येष्ठ माह के प्रत्येक मंगलवार को बड़ा मंगल मनाया जाता है। इसे बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है। इस दिन राम भक्त हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही मंगलवार का व्रत भी रखा जाता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि ज्येष्ठ माह के प्रथम यानी पहले मंगलवार को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और उनके परम भक्त हनुमान जी की भेंट हुई थी। अतः हर वर्ष ज्येष्ठ माह के प्रत्येक मंगलवार को बड़ा मंगल मनाया जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो बुढ़वा मंगल पर 04 मंगलकारी शुभ योग बन रहे हैं। इन योग में हनुमान जी की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। आइए, शुभ और मंगलकारी योग के बारे में जानते हैं-

बुढ़वा मंगलवार की तिथि
मंगलवार 28 मई, प्रथम बड़ा मंगल

मंगलवार 04 जून, दूसरा बड़ा मंगल

मंगलवार 11 जून, तीसरा बड़ा मंगल

मंगलवार 18 जून, चौथा बड़ा मंगल

ब्रह्म योग
ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ माह के पहले मंगलवार पर मंगलकारी ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दिन भर है। वहीं, समापन 29 मई को देर रात 02 बजकर 06 मिनट पर होगा। ज्योतिष ब्रह्म को बेहद शुभ मानते हैं। इस योग में हनुमान जी की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और कष्ट दूर हो जाएंगे।

शिववास योग
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी, देवों के देव महादेव के रुद्र अवतार हैं। अतः बड़े मंगल पर दुर्लभ शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस दिन शिववास योग दोपहर 03 बजकर 23 मिनट तक है। इस दौरान हनुमान जी की पूजा और महादेव का अभिषेक करने से सभी शुभ कार्यों में सफलता मिलती है।

करण
ज्येष्ठ माह के पहले मंगलवार यानी बुढ़वा मंगल पर तैतिल और गर करण का निर्माण हो रहा है। तैतिल करण का संयोग दोपहर 03 बजकर 23 मिनट तक है। इसके बाद गर करण का निर्माण हो रहा है, जो देर रात 02 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगा।

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