इतिहास में आज 31 मई :कितने बदलावों के बाद देश को मिला अपना ‘तिरंगा’, जानें आज का दिलचस्प इतिहास

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भारत की आजादी की लड़ाई में 31 मई का दिन एक ऐतिहासिक घटना के नाम दर्ज है. साल था 1921 भारतीय स्वतंत्रता संग्राम अपने चरम पर था इसी बीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 31 मई के दिन स्वतंत्र के प्रतीक के रूप में एक झंडे की औपचारिक रूप से मान्यता दी. इस झंडे को ‘पिंगली वेंकैया’ ने बनाया था. झंडे में लाल और हरा रंग था जो भारत के दो प्रमुख धर्मों का प्रतिनिधित्व करता था. पिंगली जब ये झंडा लेकर गांधी जी के पास गए, तो महात्मा गांधी ने झंडे में एक सफेद रंग और चरखे को भी लगाने की सलाह दी. सफेद रंग भारत के बाकी धर्मों और चरखा स्वदेशी आंदोलन और आत्मनिर्भर होने का प्रतिनिधित्व करता था. 1923 में नागपुर में एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान हजारों लोगों ने इस झंडे को अपने हाथों में थाम रखा था. बाद में झंडे को लेकर काफी विवाद भी हुआ. कुछ लोग झंडे में चरखे की जगह गदा जोड़ने का भी सुझाव देने लगे थे. आजादी के बाद संविधान समिति ने कांग्रेस के इसी झंडे को कुछ बदलावों के साथ भारत का झंडा बनाने का फैसला लिया. इसके साथ चरखे की जगह अशोक चक्र को लगाया गया. इस झंडे को पहली बार 22 जुलाई 1947 के दिन आधिकारिक तौर पर फहराया गया.

इतिहास के दूसरे हिस्से में बात हम सब के चहेते ‘मिकी माउस’ की करेंगे. 31 मई साल 1929 आज ही के दिन बच्चों के पसंदीदा कार्टून मिकी माउस को आवाज मिली थी. वर्ल्ड डिज़्नी ने पहली बार ‘कार्निवाल किड’ नाम से कार्टून रिलीज किया था जिसमें मिकी माउस ने अपना पहला शब्द बोतल था और ये शब्द था ‘हॉट डॉग’. बता दें मिकी माउस को आवाज़ देने वाले वॉइस आर्टिस्ट ‘कार्ल स्टर्लिंग’ थे. बता दें दर्शकों ने मिकी माउस को सबसे पहले 1928 में आई फिल्म ‘स्टीमबोट विली’ में देखा थे. लेकिन तब तक ये एक मूक कार्यक्रम था. कहा जाता है कि मिकी माउस बनाने का आइडिया वॉल्ट डिज्नी को काम करने के दौरान अपनी डेस्क के पास घूम रहे एक चूहे को देखकर आया था.

इतिहास के तीसरे अंश में बात ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस ‘ की करेंगे. तंबाकू के उपयोग से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 31 मई के दिन इसे मनाया जाता है. साल 1987 में पहली बार WHO के सदस्य देशों ने इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी. WHO ने एक प्रस्ताव पास कर 7 अप्रैल 1988 के दिन को वर्ल्ड ‘नो स्मोकिंग डे’ के तौर पर मनाने की घोषणा की थी और इसी साल एक और प्रस्ताव पास कर 31 मई को ‘वर्ल्ड नो टोबैको डे’ मनाने की घोषणा की गई. उसके बाद से ही हर साल 31 मई को दुनियाभर में इस दिन को मनाया जाता है. इस साल की थीम है “Protecting children from tobacco industry interference”’ यानी “बच्चों को तम्बाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना” है.

देश- दुनिया में 31 मई का इतिहास
1961: दक्षिण अफ्रीका स्वतंत्र देश बना.

1959: बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को तिब्बत से निर्वासन के बाद भारत में शरण दी गई.

1935: पाकिस्तान के क्वेटा शहर में भीषण भूकंप से 50 हजार से अधिक लोगों की मौत.

1927: कार निर्माता कंपनी फोर्ड ने अपनी प्रसिद्ध कार मॉडल T के उत्पादन पर रोक लगाई.

1907: अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में पहली बार टैक्सी सेवा शुरू की गई.

1725: होलकर वंश की रानी अहिल्याबाई होलकर का जन्म हुआ. बोला

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