अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार साल में एक माह ऐसा भी आता है, जिसमें तीन बार प्रदोष और तीन बार एकादशी का व्रत पड़ता है. यह स्थिति ज्यादातर 31 दिन के महीने में बनती है. हिंदी कैलेंडर के हिसाब से हर माह में केवल दो ही प्रदोष और दो ही एकादशी होती हैं. इनमें एक कृष्ण पक्ष की और दूसरी शुक्ल पक्ष की. इस तरह साल में कुल 24 प्रदोष और 24 एकादशी व्रत पड़ते हैं.
प्रदोष व एकादशी व्रत की संख्या अधिकमास वाले साल में बढ़कर 24 से 26 हो जाती है. अभी आने वाली जुलाई में तीन एकादशी रहेंगी, जबकि अगस्त में तीन प्रदोष व्रत पड़ेंगे. पिछले साल की बात करें तो पिछले वर्ष जुलाई में तीन प्रदोष थे और मई में तीन एकादशी थी. इस साल अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से एक माह में भले तीन एकादशी या तीन प्रदोष हों, पर इनकी कुल संख्या सालभर में 26 नहीं 24 ही होती है.
प्रदोष और एकादशी की तारीख
एकादशी लक्ष्मी विष्णु और प्रदोष भोलेनाथ की आराधना की तिथियां होती हैं. इस वर्ष 2 जुलाई को योगिनी एकादशी, 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी व 31 जुलाई को कामिका एकादशी रहेगी. इनमें पहली दो एकादशी हिन्दी के माह आषाढ़ और अंतिम श्रावण मास की होगी. इसी तरह पिछले वर्ष 2023 में एक जुलाई, 15 जुलाई व 30 जुलाई को प्रदोष था. इस साल आने वाले 1 अगस्त, 17 अगस्त और 31 अगस्त को प्रदोष पड़ेगा.
त्रिवेणी संगम में जरूर करें स्नान
त्रिवेणी घाट जो तीन पवित्र नदियों का संगम है वहां स्नान जरूर करें. साथ ही पूजा पाठ के बाद दान जरूर करें. ऐसा करने से एकदाशी का फल दोगुना हो जाता है.