इस माह सिर्फ 7 दिन गूंजेगी शहनाई, फिर 4 महीने के लिए सो जाएंगे भगवान, नोट कर लीजिए तारीख

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61 दिन के लंबे अंतराल के बाद धन, वैभव, प्रेम, सौंदर्य और सुख-समृद्धि के कारक शुक्र ग्रह 29 जून को उदय हो गया था.मिथुन राशि में शुक्र उदय होने के आठ दिनों के बाद मांगलिक कार्यों पर लगा विराम भी हट जाएगा और आज से शहनाई गूंजेगी. जुलाई महीने में विवाह के लिए महज 7 दिन का ही शुभ मुहूर्त मिल रहा है.

जुलाई माह के पहले पखवाड़े में विवाह के कुछ श्रेष्ठ मुहूर्त है.उसके बाद फिर चार माह की योग निद्रा में श्री हरि चले जाएंगे.मांगलिक कार्य थम जाएंगे.29 अप्रैल को शुक्र के अस्त होने के कारण मांगलिक कार्यों पर विराम लग गया था.विवाह और अन्य मांगलिक कार्यो के लिए शुक्र तारे के उदय होना बेहद जरूरी होता है. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी पर बुध की राशि मिथुन में शुक्र ग्रह का पश्चिम दिशा में उदय हो गया. हालांकि शुक्र उदय होने के आठ दिन के बाद विवाह के लिए मुहूर्त मिल रहा है.

जुलाई में 7 दिन विवाह के मुहूर्त
विवाह के लिए जुलाई के महीने में आज से 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15 तारीख को विवाह मुहूर्त मिलेंगे.शादी-विवाह के साथ ही नामकरण, जनेऊ, मुंडन, गृहप्रवेश, भूमि पूजन, भवन-वाहन, आभूषण की खरीदारी शुरू हो जाएगी. फिर 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी के बाद चातुर्मास का आरंभ हो जाएगा. इन चार महीनों में मांगलिक और शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी.इसके बाद 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्य फिर शुरू हो जाएंगे और 14 दिसंबर तक चलेंगे. नवंबर में विवाह के सात और दिसंबर में आठ शुभ मुहूर्त मिलेंगे.

सुखी वैवाहिक जीवन के लिए गुरु और शुक्र ग्रह जिम्मेदार
गुरु कन्या सुख कारक हैं तो शुक्र ग्रह पति सुख कारक हैं इसलिए शादी विवाह में गुरु और शुक्र का उदित होना जरूरी है. ज्योतिष शास्त्र में गुरु वैवाहिक जीवन तो शुक्र ग्रह दांपत्य जीवन के कारक ग्रह हैं इसलिए इनके अस्त होने पर विवाह नहीं होते.दोनों ग्रहों का शुभ विवाह के लिए उदय होना शास्त्र सम्मत माना जाता है.

गुरु और शुक्र ग्रह को शुभ ग्रह माना गया है और अच्छी मैरिड लाइफ के लिए यही ग्रह जिम्मेदार माने जाते हैं. कुंडली में गुरु और शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होने पर जीवनसाथी के साथ हमेशा तालमेल बना रहता है और एक दूसरे को समझते हुए सभी कार्य करते हैं.

नवंबर में देवउठनी तक प्रतीक्षा
17 जुलाई को चातुर्मास का आरंभ होगा, जिससे चार महीने तक मांगलिक और शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी. अगस्त से अक्टूबर तक मांगलिक कार्यों के लिए कोई अनुकूल शुभ मुहूर्त नहीं है. सीधे नवंबर में देवउठनी एकादशी से पुन: शुभ कार्य आरंभ होंगे.वर्षांत में भी शुभ एवं मांगलिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त कम ही रहेंगे। 12 नवंबर से 15 दिसंबर के मध्य ही मांगलिक कार्यों के कुछ श्रेष्ठ मुहूर्त है.


जुलाई: 9 से 15 (7 दिन)
नवंबर: 16 से 18, 22 से 26,28 ( 9 दिन)
दिसंबर: 2 से 5, 9 से 11, 13 से 15 (10 दिन)

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