सुनीता विलियम्स: परीक्षण मिशन पर अंतरिक्ष यान उड़ाने वाली पहली महिला बनीं

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दिल्ली (deshabhi.com)। भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अपने करियर में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। 58 वर्षीय सुनीता विलियम्स ने 5 जून को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से नासा के अंतरिक्ष यात्री बैरी “बुच” विल्मोर के साथ बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल पर उड़ान भरी, जिससे वह परीक्षण मिशन पर नए अंतरिक्ष यान को उड़ाने वाली पहली महिला बन गई हैं। यह मिशन, जिसे बोइंग क्रू फ्लाइट टेस्ट (CFT) कहा जाता है, नासा के कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम के तहत लॉन्च किया गया है। इस मिशन का उद्देश्य इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए नियमित क्रू फ्लाइट की तैयारी में स्टारलाइनर को प्रमाणित करना है। यदि यह मिशन सफल रहता है, तो स्टारलाइनर अंतरिक्ष यात्रियों को कक्षा में स्थित प्रयोगशाला से लाने और ले जाने वाला दूसरा निजी अंतरिक्ष यान बन जाएगा, जो SpaceX के क्रू ड्रैगन के बाद यह उपलब्धि हासिल करेगा।

सुनीता विलियम्स के लिए यह उड़ान उनके अद्वितीय करियर में एक और महत्वपूर्ण कदम है। इससे पहले, उन्होंने 2006-2007 और 2012 में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर अपने मिशन के दौरान एक महिला द्वारा सबसे अधिक स्पेसवॉक (7) और स्पेसवॉक टाइम (50 घंटे, 40 मिनट) का रिकॉर्ड बनाया था। स्टारलाइनर कैप्सूल के उड़ान भरने के लगभग 26 घंटे बाद, यह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के साथ डॉक करने का प्रयास करेगा। इस दौरान, सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर के साथ 500 पाउंड से अधिक कार्गो भी होगा। दोनों अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन पर लगभग एक सप्ताह तक रहेंगे और वहां पर आवश्यक परीक्षण करेंगे।

सुनीता विलियम्स और विल्मोर का यह मिशन, कॉमर्शियल पार्टनरशिप के माध्यम से अंतरिक्ष तक मानवता की पहुंच का विस्तार करने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। गौरतलब है कि 2012 में सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में ट्रायथलॉन पूरा करने वाली पहली महिला बनी थीं। उन्होंने भारोत्तोलन मशीन का उपयोग करके तैराकी का अनुकरण किया और हार्नेस से बंधे हुए ट्रेडमिल पर दौड़कर यह अद्वितीय उपलब्धि हासिल की थी। इस प्रकार, सुनीता विलियम्स ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उनकी सीमाएं सिर्फ आकाश तक ही नहीं, बल्कि उससे भी परे हैं। उनका यह योगदान अंतरिक्ष अन्वेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।

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