Health- Wealth : डायबिटीज पेशेंट के लिए वरदान है करेले का जूस, मिलते हैं ये पांच फायदे

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डायबिटीज के कारण जब ब्लड शुगर लेवल में बहुत अधिक उतार-चढ़ाव होता है तो इससे सेहत को काफी नुकसान होता है। डायबिटीज किडनी फेलियर, मोटापा और गंभीर हृदय रोगों जैसी कई अन्य हेल्थ कंडीशन को जन्म दे सकता है। अमूमन डायबिटीज पेशेंट के ब्लड शुगर लेवल को रेग्युलेट करने के लिए दवाइयों व इंसुलिन इंजेक्शन आदि लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन इसके साथ-साथ आपको खाने-पीने का भी ख्याल जरूर रखना चाहिए।

ऐसे कई फूड आइटम्स होते हैं, जिनमें फाइबर अधिक और ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। ऐसे में इन फूड आइटम्स का सेवन डायबिटीज रोगियों के लिए काफी अच्छा माना जाता है। करेला भी उनमें से एक है। अगर आप डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे हैं तो आप करेले का जूस बना पी सकते हैं।

हालांकि, इसका स्वाद थोड़ा कड़वा होता है, लेकिन डायबिटीज को मैनेज करने में करेले का जूस एक टॉनिक की तरह काम करता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको डायबिटीज पेशेंट के लिए करेले के जूस के कुछ बेमिसाल फायदों के बारे में बता रहे हैं-

ब्लड शुगर लेवल को करे रेग्युलेट

करेले की खासियत यह है कि इसमें कुछ एंटी-डायबिटीज प्रोपर्टीज पाई जाती हैं, जिसकी वजह से करेले के जूस का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल को रेग्युलेट करने में मदद मिलती है। करेले में पॉलीपेप्टाइड-पी या पी-इंसुलिन नामक एक इंसुलिन जैसा यौगिक होता है, जो डायबिटीज पेशेंट में ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, इसमें चारेंटिन नाम का एक कंपाउंड भी पाया जाता है, जो रक्त में ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद करता है। पॉलीपेप्टाइड-पी के साथ मिलकर, चारेंटिन शरीर की ग्लूकोज को मैनेज करने की क्षमता को बढ़ाता है।

इंसुलिन सेंसेटिविटी को बनाए बेहतर
करेले के जूस के सेवन से इंसुलिन सेंसेटिविटी को इंप्रूव करने में मदद मिलती है। करेला मेटाबॉलिज्म और ग्लूकोज अवशोषण को रेग्युलेट करने में मददगार साबित हो सकता है। जिसकी वजह से करेले का जूस के नियमित सेवन से कई फायदे हैं, मगर बड़ा फायदा है कि यह शरीर की इंसुलिन के प्रति सेंसेटिविटी में सुधार करता है।

ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को करे कम

करेला विटामिन सी, बीटा-कैरोटीन और अन्य पॉलीफेनोल जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मदद कर सकता है। डायबिटीज पेशेंट को अक्सर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का खतरा होता है, जिससे कई तरह की कॉम्पलीकेशन हो सकती हैं। इससे शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान भी पहुंच सकता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करके, करेले का जूस नेफ्रोपैथी, न्यूरोपैथी और रेटिनोपैथी जैसी जटिलताओं को रोकने में मदद कर सकता है जो डायबिटीज पेशेंट में बहुत ही आम हैं।

वजन बनाए रखने में सहायक
करेले के जूस में कैलोरी कम और डायटरी फाइबर अधिक होता है, जो वजन को बनाए रखने में सहायक है। इस लिहाज से भी इसे डायबिटीज रोगियों के लिए अच्छा माना जाता है। डायबिटीज पेशेंट के लिए हेल्दी वेट मेंटेन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इंसुलिन सेंसेटिविटी में सुधार करता है।

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