Ganesh Utsav : 500 साल पुराने सपड़ा गणेश मंदिर में भक्तों की भारी भीड़, 22किमी पैदल चलकर आते हैं श्रद्धालु

admin
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जामनगर जिले के सपड़ा गांव के पास स्थित 500 साल पुराने गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. मान्यता है कि भगवान गणेश यहां अनायास प्रकट हुए थे. इस मौके पर जामनगर और आसपास के गांवों से हजारों भक्त पैदल चलकर सपड़ा मंदिर पहुंचे. चूंकि यह मंदिर जामनगर से 22 किलोमीटर दूर है, इसलिए भक्त गणेश चतुर्थी से एक रात पहले ही पैदल यात्रा पर निकलते हैं. यात्रा के दौरान सेवा शिविरों में पानी, कोल्ड ड्रिंक, नाश्ता और दोपहर के भोजन की व्यवस्था की गई थी.

रात भर पैदल यात्रा करने के बाद सुबह होते हैं गणपति के दर्शन
श्रद्धालुओं ने रात भर पैदल यात्रा कर सुबह मंदिर में दर्शन किए. रास्ते में कई सेवा शिविर लगाए गए थे, जहां स्वयंसेवकों द्वारा भोजन और पेयजल की सेवा दी गई. भक्तों के उत्साह का नजारा रास-गरबा और अबीर-गुलाल के साथ देखा गया, जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया.

गणेश चतुर्थी के दिन सुबह 6 बजे मंगला आरती के साथ धार्मिक अनुष्ठानों की शुरुआत हुई. हवन, ध्वजारोहण और नवग्रह पूजन जैसे विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए. इस अवसर पर लगभग 1.50 लाख भक्तों ने मंदिर में गणपति के दर्शन किए और 50 हजार लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया.

सपड़ा में स्थित सिद्धिविनायक की मूर्ति
सपड़ा में स्थित सिद्धिविनायक गणेश की मूर्ति को लेकर मान्यता है कि यह हर साल चावल के एक दाने जितनी बड़ी हो जाती है. खास बात यह है कि गणेश जी की यह प्रतिमा सहज है, जो हर वर्ष थोड़ी-थोड़ी बढ़ती है. इस वजह से श्रद्धालु दूर-दूर से यहां पैदल चलकर आते हैं, ताकि वे अपने आराध्य के दर्शन कर अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकें.

प्राकृतिक सुंदरता से भरा है मंदिर का नजारा
प्राकृतिक सौंदर्य से घिरे इस मंदिर के आसपास बारिश के मौसम में हरियाली खिल उठती है, जिससे मंदिर और अधिक आकर्षक हो जाता है. इस साल मंदिर की सजावट में चार महीने का समय लगा. शनिवार और रविवार की छुट्टियों में यहां लोग अपने परिवार के साथ पहुंचते हैं और गणपति दर्शन के साथ प्रकृति का आनंद लेते हैं. सपड़ा गणेश मंदिर अब एक पिकनिक स्थल के रूप में भी लोकप्रिय हो गया है, जहां बच्चे और बड़े दोनों प्रकृति और भक्ति का आनंद उठा सकते हैं. मंदिर का पौराणिक महत्व और सुंदरता इसे पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा है.

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