गाजीपुर में लैंडफिल में लगी आग, पूरी रात चला रेस्क्यू, अब भी धधक रहा कूड़े का पहाड़

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दिल्ली (deshabhi.com)। दिल्ली-एनसीआर के बॉर्डर पर बने गाजीपुर स्थित कूड़े के पहाड़ में बीती शाम अचानक आग लग गई। देखते-देखते ही देखते आग ने कूड़े के पहाड़ के एक बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले लिया। आग की लपटें चारों ओर फैल गई। ताजा रिपोर्ट के मुताबित, गाजीपुर लैंडफिल साइट से धुआं निकलना जारी है। दिल्ली फायर सर्विसेज का कहना है कि आग लैंडफिल में पैदा हुई गैस के कारण लगी थी। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि आग के धुएं से हमें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। प्रदूषण के कारण हम बात नहीं कर पा रहे हैं। आग बीते दिन की सुबह से ही जारी है। प्रशासन ने कुछ नहीं किया है। हम चाहते हैं कि सरकार इस मुद्दे का समाधान करे।कूड़े के पहाड़ में लगी आग पर एक स्थानीय निवासी ने कहा कि हम 1990 के दशक से इस समस्या का सामना कर रहे हैं। हम मधुमेह, बीपी, थायराइड और आंखों में जलन से जूझ रहे हैं। छोटे बच्चे भी इससे पीड़ित हैं। दिल्ली और केंद्र सरकार इस समस्या को सुलझाए।

धुएं की चपेट में पूरी कॉलोनी
दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल में लगी आग पर स्थानीय लोगों प्रतिक्रिया दे रहे हैं। गाजीपुर की रहने वाली एक महिला नाजरा ने कहा कि मैं यहां रहती हूं और धुएं से आंखों में परेशानी हो रही है। हमें सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है। पूरी कॉलोनी परेशान है।गाजीपुर में रहने वाली एक स्कूली छात्रा ने कहा कि हमारे गले में जलन हो रही थी और धुएं के कारण हमें खांसी हो रही थी। इस आग के कारण प्रदूषण हुआ है। हर कोई इससे पीड़ित है।

गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने का सिलसिला जारी है। अभी भी आग बुझाने की कोशिशें जारी है। दिल्ली फायर सर्विस एसओ नरेश कुमार ने बताया कि आग लैंडफिल में पैदा हुई गैस के कारण लगी थी। किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

दमकल कर्मियों का कहना था कि कूड़ों के पहाड़ में लगी आग अक्सर कई-कई दिनों तक चल जाती है। फिलहाल आग पर काबू पाने का प्रयास किया जा रहा है। एक जगह आग बुझाई जाती है तो दूसरी जगह भड़क जाती है। वहीं, लैंडफिल साइट के आसपास रह रहे स्थानीय लोगों का कहना है कि गर्मियों में अक्सर यहां आग लग जाती है। पुलिस के मुताबिक रविवार शाम करीब 5.22 बजे सूचना मिली कि गाजीपुर लैंडफिल साइट में आग लग गई है।

दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कूड़े के दबाव से वहां मीथेन गैस बनती है, जिससे बार-बार दोबारा आग भड़कती है। आग गर्मी से खुद लगी या किसी मानवीय भूल की वजह से इसका पता नहीं चल सका है।

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