रायपुर (deshabhi.com)। रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट, बीजेपी के अजेय रहने वाले दिग्गज नेता बृजमोहन अग्रवाल की सीट है. 2008 के आसपास रायपुर दक्षिण विधानसभा अस्तित्व में आया था और साल 2008 में रायपुर दक्षिण का चुनाव बृजमोहन अग्रवाल ने जीता, साल 2013 विधानसभा चुनाव में भी बृजमोहन जीते. साल 2018 और 2023 में भी उन्होंने रायपुर दक्षिण से जीत हासिल की. इस तरह से बृजमोहन अग्रवाल रायपुर दक्षिण से कुल चार बार जीत चुके हैं. वे एक बार भी नहीं हारे हैं. यही वजह है कि इस सीट की चर्चा जोरों पर है.”
कौन हैं रायपुर दक्षिण सीट के दावेदार ? : रायपुर दक्षिण सीट से भाजपा के पांच संभावित उम्मीदवार की चर्चा के संबंध में राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे ने कहा, “उसमें प्रमुख रूप से पूर्व सांसद सुनील सोनी का नाम सबसे ऊपर नजर आ रहा है. क्योंकि बृजमोहन अग्रवाल के करीबियों में सुनील सोनी हैं. सुनील सोनी सांसद भी रह चुके हैं और रायपुर महापौर रहे हैं. रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष भी रहे हैं.”
पहला संभावित उम्मीदवार :
भाजपा यह पॉलिसी लाती है कि पूर्व किसी बड़े पद पर रहे व्यक्ति को टिकट नहीं देना है, तो सुनील सोनी का नाम कट सकता है. नहीं तो वह रायपुर दक्षिण के लिए प्रबल दावेदार हैं.
दूसरा संभावित उम्मीदवार :
दूसरे दावेदार की बात करें तो सुभाष तिवारी का नाम सामने आता है, जो लगातार पार्षद रहे हैं. ये भी बृजमोहन अग्रवाल के करीबी माने जाते हैं और यह काफी अनुभवी नेता भी हैं. यही वजह है कि सुभाष तिवारी का भी अपना दावा बनता है.
तीसरा संभावित उम्मीदवार :
तीसरे दावेदार की बात करें तो नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे का नाम भी चर्चा में है. वह भी अनुभवी नेत्री रही हैं. वे प्रदेश स्तर पर संगठन में भी रह चुकी है. वह भी रायपुर दक्षिण से प्रबल दावेदार के रूप में सामने है.
चौथे संभावित उम्मीदवार :
चौथे दावेदार के रूप में केदार गुप्ता का नाम भी प्रमुख रूप से सामने आ रहा है, जो वर्तमान में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हैं. केदार गुप्ता के लिए रायपुर दक्षिण कर्म भूमि रही है. नया पारा क्षेत्र में लंबे समय तक केदार गुप्ता रहे हैं, जहां उन्होंने रहकर अपनी राजनीति को चमकाई है. नयापारा रायपुर दक्षिण का एक हिस्सा है.
पांचवा संभावित उम्मीदवार :
पांचवे दावेदार के रूप में रमेश ठाकुर का नाम भी सामने है. वह भी एक प्रबल दावेदार है. रमेश ठाकुर सहज, सरल, सौम्य स्वभाव के नेता हैं. वह लंबे समय तक पार्षद रहे हैं और संगठन में भी उन्होंने काम किया है. उनका काफी लंबा-चौड़ा राजनीतिक अनुभव रहा है.
यह तो रहे मुख्य पांच नाम, जडो इस समय चर्चा में हैं. इसके अलावा एक और नाम चर्चा में है, जो की बृजमोहन अग्रवाल के निजी सचिव रहे हैं मनोज शुक्ला. यदि नाम को लेकर कोई पेंज फंसता है या फिर किसी तरह के विवाद की स्थिति आती है, तो मनोज शुक्ला के नाम को भी आगे बढ़ाया जा सकता है.