महाराष्ट्र के सत्य गणपति मंदिर में भक्त नंगे पांव करने आते हैं दर्शन, बेहद खास है इतिहास

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नांदेड़ के सत्या गणपति पूरे राज्य में प्रसिद्ध हैं, जिन्हें भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करने वाले गणेश के रूप में पूजते हैं. इस मंदिर में महाराष्ट्र के अलावा तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, और कर्नाटक जैसे राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. अर्धपुर तालुका के दाभाड गांव में स्थित सत्य गणपति मंदिर भक्ति और चमत्कार की अनूठी कहानी से जुड़ा है.

सत्य गणपति की मूर्ति पीपल के पेड़ के नीचे प्रकट हुई थी, और यह मन्नत मांगने वाले गणेश जी के रूप में विख्यात हैं. लगभग 30-35 साल पहले इस मूर्ति को मंदिर में स्थापित किया गया था. कहा जाता है कि गांव के पास पीपल के पेड़ के नीचे भगवान गणेश की स्वनिर्मित पत्थर की मूर्ति मिली थी, जिसे गांववाले पूजने लगे. धीरे-धीरे सत्य गणपति की ख्याति आसपास के क्षेत्रों में फैल गई, और अब यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है.

भक्त नंगे पैर करने आते हैं दर्शन
इस पीपल वृक्ष पर पीपल और वट के पत्ते निकलते हैं, और बीच में एक कड़वे नींबू का टुकड़ा दिखाई देता है, जिसे लोग चमत्कार मानते हैं. सत्य गणपति, जो तीन पेड़ों के नीचे स्थित हैं, को साक्षात विष्णु का रूप माना जाता है. खासकर गणेश चतुर्थी पर, हजारों भक्त नंगे पैर यहां दर्शन करने आते हैं.

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