ढाका (deshabhi.com)। बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर शुरु हुए बवाल ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से उनकी कुर्सी छीन ली। भारी प्रदर्शन के बाद तख्तापलट हो गया। प्रधानमंत्री शेख हसीना को भाग कर भारत में शरण लेना पड़ा है। उनके बांग्लादेश छोड़ते ही पूरे देश में भारी बवाल देखा जा रहा है। बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। वहीं शेख हसीना भाग कर भारत आ गई हैं। सोमवार को वह भारत पहुंची और वह यहां कुछ समय के लिए शरण ले सकती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक बाद में यहां से वह लंदन जा सकती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा और बांग्लादेश के हालात को लेकर मीटिंग की। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता परिवर्तन की बात कही है।
बांग्लादेश के हालात पर पाकिस्तानी सेना खुश, कर रही बैठक
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार को हटाने में अहम भूमिका निभाने वाली पाकिस्तानी सेना और उसकी बदनाम खुफिया एजेंसी आईएसआई इस ‘जीत’ का जश्न मनाने के लिए अहम बैठक कर रही है। इस बैठक में आईएसआई चीफ भी पहुंचा है। सूत्रों की माने तो जमात-ए-इस्लामी और बीएनएपी के जरिए आईएसआई ने छात्रों के इस आंदोलन को हवा दी और आखिरकार शेख हसीना को जाना पड़ा।
अमेरिका ने शेख हसीना का वीजा रद्द किया, सख्त संदेश
अमेरिका ने शेख हसीना का अमेरिकी वीजा रद्द कर दिया है। उसने कहा है कि शेख हसीना का अमेरिका में स्वागत नहीं है। शेख हसीना और अमेरिका के बीच रिश्ते बहुत तनावपूर्ण थे। शेख हसीना ने नाम लिए बिना आरोप लगाया था कि अमेरिका बांग्लादेश में सैन्य अड्डा बनाना चाहता है। बांग्लादेश में ईसाई राज्य बनाना चाहता है।
बांग्लादेश में क्यों बिगड़े हालात, पूर्व उच्चायुक्त वीना सीकरी ने बताई वजह
भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में हालात काफी बिगड़े हुए हैं। बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने हिंसा के बाद देश छोड़ दिया है और वह यूपी के गाजियाबाद में स्थित हिंडन एयरबेस पर ठहरी हुई हैं। बांग्लादेश में भारत की पूर्व उच्चायुक्त रहीं वीना सीकरी ने वहां के हालातों के बारे में आईएएनएस से खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के हालात इस समय काफी गंभीर हैं। हमें उम्मीद नहीं थी कि वहां स्थिति इतनी जल्दी बिगड़ जाएगी। अगर आप कोटा सुधार आंदोलन के बारे में बात करते हैं, तो छात्र और प्रधानमंत्री शेख हसीना एक ही पृष्ठ पर थे। उन्होंने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और इस मुद्दे पर उन्हें छात्रों का भी साथ मिला।
बांग्लादेश की संसद भंग, राष्ट्रपति ने किया ऐलान
बांग्लादेश की संसद को भंग कर दिया गया है। बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने इसका ऐलान किया है। प्रदर्शनकारियों की यह प्रमुख मांग थी जिसे मान लिया गया है। प्रदर्शनकारियों ने शाम 3 बजे तक का समय दिया था और चेतावनी दी थी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे फिर से कड़ी कार्रवाई करेंगे। राष्ट्रपति कार्यालय ने इसकी पुष्टि की है। कार्यवाहक सरकार में नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को बड़ी भूमिका दी जा सकती है।
खालिदा जिया को जेल से रिहा किया गया
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को रिहा कर दिया गया है। इससे पहले बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया था। खालिदा जिया बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी पार्टी बीएनपी की लीडर हैं। वह अपने भारत विरोध और पाकिस्तान परस्त नीतियों के लिए जानी जाती हैं। उनके बेटे भी बांग्लादेश पहुंचने वाले हैं।
शेख हसीना को हटाने के लिए विरोध प्रदर्शन
जयशंकर ने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन को शेख हसीना को हटाने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि भारत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के हालात को लेकर बहुत चिंतित है। बांग्लादेश में 19 हजार भारतीय थे जिसमें से बड़ी संख्या में छात्र लौट आए हैं। चुनाव के बाद से ही बांग्लादेश में ध्रुवीकरण बढ़ रहा था। हिंदुओं के मंदिरों और बिजनस पर हमले हुए हैं।
बांग्लादेश में मंदिरों पर हमले: जयशंकर
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद में कहा कि बांग्लादेश में मंदिरों पर हमले हुए हैं। बांग्लादेश के हालात पर हमारी नजर है। बांग्लादेश में जुलाई से हमले हो रहे हैं। बांग्लादेश में पुलिस पर हमले हुए हैं। शेख हसीना ने भारत से अनुमति मांगी थी। हम ढाका के प्रशासन के संपर्क में हैं। वहां पर हालात तेजी से बदल रहे हैं। आर्मी चीफ से अंतरिम सरकार के बारे में बातचीत हुई है। सीमा पर पूरी चौकसी बरती जा रही है।
प्रदर्शनकारियों ने दिया अल्टीमेटम
बांग्लादेश के प्रदर्शनकारी छात्रों ने सेना और राष्ट्रपति से मांग की है कि आज 3 बजे तक देश की संसद को भंग कर दिया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे ‘सख्त प्रोग्राम’ चलाएंगे। स्टूडेंड नेताओं ने एक वीडियो संदेश देकर कहा कि संसद को भंग किया जाए। उन्होंने ‘क्रांतिकारी छात्रों से कहा कि अगर संसद को भंग नहीं होता है तो वे तैयार रहें।’