वाराणसी(deshabhi.com)। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम को ज्ञानवापी के सर्वे में 55 मूर्तियां मिलीं हैं। 15 शिवलिंग और अलग-अलग काल के 93 सिक्के भी मिले हैं। पत्थर की मूर्तियों के साथ ही अलग-अलग धातु, टेराकोटा सहित घरेलू इस्तेमाल की 259 सामग्रियां मिली हैं। एक पत्थर ऐसा है, जिस पर राम लिखा है। जीपीआर सर्वे में मुख्य गुंबद के नीचे बेशकीमती पन्नानुमा टूटी कीमती धातु मिली है। इसे मुख्य शिवलिंग बताया जा रहा है। इस स्थान पर खनन और सर्वे की बात कही गई है।
एएसआई की 176 सदस्यीय टीम ने ज्ञानवापी परिसर का जो सर्वे किया था, उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक हो चुकी है। रिपोर्ट में ज्ञानवापी को बड़ा हिंदू मंदिर बताया गया है। इसमें 32 अहम हिंदू स्थलों का जिक्र है। शिवलिंग के साथ नंदी, गणेश की मूर्तियां भी मिली हैं।
वैज्ञानिक पद्धति से हुए सर्वे में मंदिर के प्रमाण के साथ ही विष्णु, मकर, कृष्ण, हनुमान, द्वारपाल, नंदी, पुरुष और मन्नत तीर्थ सहित अन्य विग्रह मिले हैं। मुगल काल, अंग्रेजी हुकूमत सहित अन्य समय काल के चिह्न मिले हैं। शाह आलम और सिंधिया काल के सिक्के (एक और 25 पैसे) संरक्षित किए गए हैं। एएसआई ने 93 सिक्के जुटाए हैं। इनमें विक्टोरिया महारानी, विक्टोरिया रानी, धीरम खलीफा, किंग चार्ज सहित अन्य काल के सिक्के शामिल हैं। एएसआई ने टेरोकोटा की 23 मूर्तियों, 2 स्लिंग बॉल, एक टाइल्स, एक डिस्क, देवी-देवताओं की दो मूर्तियां, 18 मानव की मूर्तियां, तीन जानवरों की मूर्ति को साक्ष्य के तौर पर जुटाया है। 113 धातु की सामग्रियां भी मिलीं हैं। इनमें लोहे की 16, तांबा की 84, एल्युमिनियम की 9, निकेल की तीन और एलॉय की एक सामग्री मिली है।