दिल्ली (deshabhi.com)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को रिहा करने के लिए कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया, जिन्हें दिल्ली आबकारी शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है।
ईडी ने रिमांड मांगते हुए कहा कि मोबाइल फोन से डेटा निकाला गया है और उसका विश्लेषण किया जा रहा है। हालांकि 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल के परिसर में तलाशी के दौरान जब्त किए गए अन्य चार डिजिटल उपकरणों का डेटा अभी तक नहीं निकाला जा सका है।
केजरीवाल के वकील ने मांगी इजाजत
अरविंद केजरीवाल के वकील रमेश गुप्ता के कोर्ट के सामने केजरीवाल की बात रखने की इजाजत मांगी। ईडी ने कहा कि हमने उन्हें इसलिए गिरफ्तार नहीं किया क्योंकि वह सीएम हैं बल्कि हमारे पास साक्ष्य है। गिरफ्तार व्यक्ति ने अपने वकीलों से परामर्श करने के बाद पासवर्ड, लॉगिन क्रेडेंशियल प्रदान करने के लिए समय मांगा है।
मंत्री कैलाश गहलोत कोर्ट रूम में पेश हुए
ईडी ने कहा की जिस पैसे की बात बीजेपी को दिए जाने का आरोप केजरीवाल लगा रह है। उसका शराब घोटाले से कोई लेना देना नही है। इसमें कोई रिश्वत का मामला नहीं हैं । केजरीवाल कोई सामान्य व्यक्ति नहीं है। ईडी ने कहा कि केजरीवाल ने बड़े बड़े लोगों को सुनवाई के लिए लगा रह हैं।
ईडी ने कहा कि आप को वह रिश्वत मिली जिसका इस्तेमाल उन्होंने गोवा चुनाव में किया। एक स्पष्ट कट श्रृंखला है। हमारे पास यह दिखाने के लिए बयान और दस्तावेज हैं कि पैसा हवाला के माध्यम से आया था और इसका इस्तेमाल गोवा अभियान को वित्तपोषित करने के लिए किया गया था।उन्हें कैसे पता कि ईडी के पास कितने दस्तावेज हैं। यह सब कल्पना की उपज है।
ईडी ने केजरीवाल के बयान का विरोध किया
कोर्ट में ईडी ने केजरीवाल के बयान का विरोध किया। ईडी ने कहा कि केजरीवाल रिमांड से जुड़ी कोई भी। ईडी ने कहा कि हवाला के जरिए पैसे गोवा चुनाव में दिया गया। केजरीवाल पूरी सुनवाई को कन्फ्यूज करना चाहते हैं। ईडी ने कहा कि अभी ये मामला जांच के स्टेज पर है। यहां ट्रायल की बात कैसे हो सकती है।