उज्जैन (deshabhi.com)। विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में प्रतिदिन लाखों की संख्या मे श्रद्धालु का आगमन लगा रहता है. महाकाल मंदिर में रोज 6 आरती होती हैं, जिसका समय व नाम अलग-अलग हैं. इन्हीं आरतियों में से एक भस्म आरती की चर्चा देश ही नहीं विदेशों में भी है.प्रतिदिन बाबा महाकाल की भस्म आरती जिसे मंगला आरती भी कहते हैं. इसमें देश-विदेश के श्रद्धालु के साथ फ़िल्मी सितारे, राजनेता, बड़े-बड़े किकेटर भी आए दिन शामिल होते रहते हैं. भक्तों में भी इस आरती में शामिल होने की होड़ लगी रहती है.
इस आरती का समय भी प्रातः: 4.30 बजे का रहता है. महाकाल भगवान अपने भक्तों को सुबह से ही दर्शन देना लग जाते हैं. लेकिन, सावन माह मे प्रतिदिन लाखों की संख्या मे श्रद्धालु का आगमन होता है, इसलिए सावन में भगवान महाकाल की दिनचर्या बदल जाती है. इस बार भी 4.30 बजे होने वाली भस्म आरती सावन के रविवार को रात 2.30 बजे होगी.
इतना ही नहीं, श्रद्धालु की सुविधा के लिए महाकाल मंदिर प्रबंध समिति की समय-समय पर बैठक होती है. इस बार भी महाकाल भस्म आरती में श्रद्धालुओं के लिए चलायमान दर्शन व्यवस्था भी लागू की गई है. इसके लिए किसी तरह का शुल्क नहीं देना पड़ता है और न ही किसी से अनुमति लेने की आवश्यकता होती है.
सावन माह में भी श्रद्धालु इस व्यवस्था का लाभ ले सकते हैं. इसके पश्चात रात 2.30 से तड़के 4.30 बजे तक भस्म आरती होगी. सावन माह में प्रत्येक रविवार और सोमवार को पट खुलने तथा भस्म आरती का यही समय रहेगा. सप्ताह के शेष दिन मंगलवार से शनिवार तक रात 3 बजे मंदिर के पट खुलेंगे. इसके पश्चात रात 3 बजे से सुबह 5 बजे तक भस्म आरती होगी.