हाथरस (deshabhi.com)। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सूरजपाल उर्फ़ नारायण साकार हरि उर्फ़ भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की जान जा चुकी है। इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि जिन आरोपियों को अरेस्ट किया है वह आयोजन समिति के सदस्य है। वहीं, उत्तर प्रदेश पुलिस ने मुख्य आरोपी सेवादार पर एक लाख का इनाम घोषित किया है।
प्रमुख आरोपी पर होगा गैर जमानती वारंट भी जारी
बता दें कि अलीगढ़ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक शलभ माथुर ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि पिछले मंगलवार को हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र स्थित फुलरई गांव में आयोजित हरिनारायण साकार विश्वहरि भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में अब तक दो महिला सेवादारों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि मामले के प्रमुख आरोपी मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है। उसके खिलाफ जल्द ही गैर जमानती वारंट भी जारी किया जाएगा।
भोले बाबा की गिरफ्तारी पर यह बोली पुलिस
भोले बाबा से पूछताछ या उसकी गिरफ्तारी की सम्भावना के बारे में पूछने पर माथुर ने कहा, ” आगे किसी की गिरफ्तारी होगी या नहीं, यह विवेचना पर निर्भर करेगा। जांच में आगे किसी की भूमिका निकलकर आयेगी तो कार्रवाई होगी। जरूरत पड़ेगी तो जरूर पूछताछ की जाएगी।” गौरतलब है कि हाथरस जिले के फुलरई गांव में भोले बाबा द्वारा आयोजित सत्संग में मंगलवार को मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी तथा 31 अन्य घायल हो गये थे।
प्रवचनकर्ता भोले बाबा के वकील ने दावा किया कि अनुयायी कभी भी उनके पैर नहीं छूते हैं। उन्होंने हाथरस में मंगलवार को आयोजित सत्संग में मची भगदड़ और 121 लोगों के मारे जाने के पीछे कुछ असामाजिक तत्वों का हाथ होने का संदेह जताया है। प्रवचनकर्ता भोले बाबा के वकील ए. पी. सिंह ने कहा कि मंगलवार की भगदड़ की जांच कर रहे राज्य प्रशासन और पुलिस के साथ सहयोग करने के लिए भी वे तैयार हैं। उन्होंने पूरे मामले की जांच की मांग की है। बाबा नारायण हरि को साकार विश्व हरि भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है। सिंह का यह दावा प्रारंभिक सरकारी रिपोर्ट के विपरीत है, जिसमें दावा किया गया है कि भगदड़ तब मची जब बड़ी संख्या में अनुयायी प्रवचनकर्ता भोले बाबा को करीब से देखने और उनके ‘चरण रज’इकट्ठा करने के लिए उनके पास पहुंचे जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं।