इतिहास में आज 3 जुलाई : ‘गरीबों के बैंक’ से जुड़ा है आज का बेहद रोचक इतिहास

admin
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यूरोप में 18वीं शताब्दी की शुरुआत में ही कई सेविंग बैंक खोले जा चुके थे और लाखों लोग उनकी सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे थे. जब अमेरिका के लोगों ने इन बैंकों का फायदा देखा तो उन्होंने भी इसी तरह का बैंक अमेरिका में खोलने की तैयारी की.

3 जुलाई के ही दिन साल 1819 में अमेरिका के पहले सेविंग बैंक की शुरुआत हुई थी. शुरुआत में अखबारों में इसे ‘गरीबों का बैंक’ कहकर प्रचारित किया गया. इस बैंक को खोलने का उद्देश्य समाज के निचले तबके को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ना और उनकी सेविंग को सुरक्षित करना था.

इस बैंक की शुरुआत का श्रेय थॉमस एडी को जाता है. थॉमस ने 25 नवंबर 1816 को इस बारे में पहली मीटिंग की. कई मीटिंग के बाद बैंक का एक लिखित संविधान तैयार किया गया और बैंक को सेविंग बैंक ऑफ न्यूयॉर्क नाम दिया गया.

तय किया गया कि 5 से 50 डॉलर तक के डिपॉजिट पर 5% सालाना ब्याज दिया जाएगा. इससे ज्यादा की राशि पर ब्याज दर 6% होगी. ग्राहकों को एक डायरी दी जाती थी जिसमें लेनदेन का सारा हिसाब-किताब होता था. आज ही के दिन 1819 में इस बैंक की शुरुआत हुई.

1908- बाल गंगाधर तिलक को हुई थी जेल

इतिहास के दूसरे अंश में बात लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की. 30 अप्रैल 1908 को खुदीराम बोस और प्रफुल्ल चंद चाकी ने एक बम विस्फोट किया था. इस विस्फोट का निशाना जज किंग्सफोर्ड थे, लेकिन हमले में वो बच गए और दो ब्रिटिश महिलाओं की मौत हो गई. अंग्रेजों ने उसी शाम खुदीराम बोस को गिरफ्तार कर लिया और उन पर मुकदमा चलाया गया.

लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने इन दोनों क्रांतिकारियों के पक्ष में अपने अखबार ‘केसरी’ में लिखा. इसी वजह से 3 जुलाई यानी आज ही के दिन साल 1908 में अंग्रेजों ने तिलक को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें 6 साल की सजा सुनाई गई और जेल में डाल दिया गया. जेल में रहने के दौरान ही तिलक ने 400 पन्‍नों की किताब गीता रहस्‍य भी लिखी.

1914 में जेल से रिहा होने के बाद तिलक ने 1916 में एनीबेसेंट के साथ होम रूल लीग की स्थापना की। इस आन्दोलन का उद्देश्य भारत में स्वराज स्थापित करना था. होम रूल आन्दोलन के दौरान बाल गंगाधर तिलक को काफी प्रसिद्धी मिली, जिस कारण उन्हें लोकमान्य की उपाधि मिली.

1883- महान लेखक काफ्का का हुआ था जन्म

‘हमें ऐसी किताबें पढ़नी चाहिए, जो कुल्हाड़ी की तरह हमारे अंदर के जमे समंदर के ऊपर पड़ें, हमें चोट पहुंचा दें, घायल कर दें. उन किताबों को पढ़ने के बाद हम पहले जैसे बिल्कुल न रहें.’

ये पंक्तियां हैं बीसवीं सदी के महान लेखक फ्रांज काफ्का की. 03 जुलाई का दिन उन्हें समर्पित है.
क्योंकि सन 1883 में आज ही के दिन काफ्का का जन्म प्राग में यहूदी परिवार में हुआ था. कम शब्दों में अपनी बात कहने में काफ्का को महारथ हासिल थी. तमाम अवसरों के बावजूद काफ्का ने अपनी तमाम जिंदगी अकेलेपन, आंतरिक संघर्ष और विश्वास की तलाश में गुजार दी. उनकी ‘दिशा’ नामक कहानी उनके जीवन के अद्भुत लेखन को दर्शाती है.

उनके वैश्विक महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके नाम पर शब्द तक गढ़ा गया है. मनुष्य की ऐसी परिस्थिति जिसमें उसे कोई रास्ता नहीं दिखता और वो चारों ओर मुश्किलों में घिरा होता है उसे ‘काफ्काएस्क’ कहा जाता है. उनकी रचनाएं ‘मेटामाफोर्सिस’ को दुनियाभर में खूब सराहना मिली. इसके अलावा ‘द ट्रायल’ और ‘द कैसल’ भी भरपूर प्रसिद्धि मिली.

1996- मशहूर अभिनेता राजकुमार का निधन

इतिहास का अगला अंश हिंदी फिल्मों के मशहूर अभिनेता राजकुमार से जुड़ा हुआ है. उन्होंने संवाद अदायगी के अनूठे अंदाज के चलते रूपहले पर्दे पर अपनी एक खास जगह बनाई. हिंदी सिनेमा को कई बेहतरीन फिल्में देने वाले दिग्गज एक्टर राजकुमार का आज ही के दिन 1996 को कैंसर की बीमारी से जूझते हुए निधन हो गया था, लेकिन उनकी मौत की खबर उनके अंतिम संस्कार के बाद ही पूरी दुनिया को दी गई थी. आपको जानकर हैरानी होगी कि जब एक्टर का निधन हुआ था तो उनके अंतिम संस्कार में एक भी सेलेब्स शामिल नहीं हुआ था.

दरअसल, राजकुमार की ये इच्छा था कि जब भी वो इस दुनिया से जाएं तो एकदम शांति से विदा हों. उन्होंने अपनी मौत से काफी पहले ही ये कह दिया था कि उनकी अंतिम यात्रा का हिस्सा कोई भी नहीं बनेगा और ना ही उसमें कोई मीडिया शामिल होगी. क्योंकि वो अपनी मौत के बाद किसी तरह का कोई मजाक नहीं चाहते थे. उनके आखिरी सफर में सिर्फ उनका परिवार ही शामिल हुआ था.

03 जुलाई का इतिहास-

1661: पुर्तगाल ने ब्रिटिश राजा चार्ल्स द्वितीय को बॉम्बे उपहार में दिया था.
1778: प्रशिया ने ऑस्ट्रिया के खिलाफ युद्ध की घोषणा की थी.
1883: महान लेखक फ्रांज काफ्का का प्राग में जन्म हुआ था.
1876: मोंटेनेग्रो ने तुर्की के खिलाफ युद्ध की घोषणा की.
1884: स्टॉक एक्सचेंज डाउ जोन्स ने अपना पहला स्टॉक इंडेक्स जारी किया.
1908: ब्रिटिश सरकार ने बाल गंगाधर तिलक को गिरफ्तार किया था.
1928: जेएल बेयर्ड ने लंदन में पहली बार रंगीन टेलीविजन का प्रसारण किया था.
1941: भारतीय सिने प्रतिभा अडूर गोपालकृष्णन का जन्म हुआ था.
1951: न्यूजीलैंड के महान तेज गेंदबाज रिचर्ड हैडली का जन्म हुआ था.
1971: विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे का जन्म हुआ.

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