चार दिन से भूख हड़ताल पर बैठीं मंत्री आतिशी की तबीयत बिगड़ी, LNJP हॉस्पिटल में भर्ती; हरियाणा से पानी दिलाने की कर रहीं मांग

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दिल्ली (deshabhi.com)। दिल्ली में जल संकट को लेकर भूख हड़ताल कर रहीं जल मंत्री आतिशी की 24-25 जून की दरम्यानी रात तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह और अन्य पार्टी नेता-कार्यकर्ता आतिशी को देर रात लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) के डॉक्टरों के पास लेकर पहुंचे।

दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘रात से ही उनका(अतिशी) ब्लड शुगर लेवल गिर रहा था। जब हमने उनका ब्लड सैंपल दिया तो शुगर लेवल 46 निकला था। जब हमने पोर्टेबल मशीन से उनका शुगर लेवल चेक किया तो लेवल 36 निकला। डॉक्टर जांच कर रहे हैं और उसके बाद ही वे कोई सुझाव देंगे।’

आप सांसद संजय सिंह ने कहा, ‘उनका ब्लड शुगर लेवल 43 तक तक पहुंच गया है। उनकी तबीयत बिगड़ गई है। डॉक्टरों ने कहा कि अगर उन्हें अस्तपाल में भर्ती नहीं कराया गया तो हालत और बिगड़ सकती है। आतिशी ने पिछले पांच दिनों से कुछ भी नहीं खाया है। उनका शुगर लेवल गिर गया है, कीटोन बढ़ रहा है और ब्लड प्रेशर कम हो रहा है। वह अपने लिए नहीं लड़ रही हैं, वह दिल्ली के लोगों के लिए, पानी के लिए लड़ रही हैं।’

4 दिन में आतिशी का वजन 2.2 किलो घटा
आतिशी का चार दिन बाद 2.2 किलो वजन कम हो गया। डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी है। सोमवार को लोकनायक अस्पताल के डॉक्टरों ने आतिशी के स्वास्थ्य की जांच की। जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि मंत्री का वजन कम हो रहा है। उनकी स्थिति खराब है और उन्हें अस्पताल में भर्ती होना चाहिए लेकिन मंत्री ने अनशन खत्म करने से मना कर दिया था।

मालूम हो कि 21 जून से जल मंत्री आतिशी दिल्लीवालों को हरियाणा से उनके हक का पानी दिलवाने के लिए अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठी हैं। डॉक्टरों ने बताया कि 21 जून को अनशन पर बैठने से पहले उनका वजन 65.8 किलो था। अनशन के चौथे दिन घटकर 63.6 किलो पर पहुंच गया है। चार दिन में ब्लड शुगर लेवल में 28 यूनिट की गिरावट आई है। उनका ब्लड प्रेशर लेवल भी कम हुआ है। डॉक्टरों ने इसे खतरनाक बताया है। इसके अलावा मंत्री का यूरिन कीटोन स्तर बढ़ रहा है।

भोगल के जंगपुरा में जल मंत्री आतिशी का अनिश्चितकालीन अनशन सोमवार को चौथे दिन भी जारी रहा। अनशन स्थल से उन्होंने लोगों को संदेश देते हुए कहा कि उनका स्वास्थ्य चाहे कितना भी बिगड़ जाए, लेकिन अनशन का उनका संकल्प दृढ़ है। जब तक दिल्ली को अतिरिक्त पानी नहीं मिलता, तब तक अनशन जारी रहेगा।

आतिशी ने कहा कि वह अनशन पर इसलिए बैठी हैं, क्योंकि दिल्ली में पानी की कमी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली में अपना पानी नहीं है, यहां सारा पानी पड़ोसी राज्यों से आता है, लेकिन पिछले 3 हफ्ते से हरियाणा ने दिल्ली को पानी भेजना कम कर दिया है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि 100 एमजीडी पानी का मतलब 46 करोड़ लीटर पानी हुआ। ये एक दिन में 28 लाख लोगों के काम आता है। उन्होंने कहा कि पर्याप्त पानी न मिलने से 28 लाख लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। उन्होंने कहा कि रविवार को डॉक्टरों ने उनकी जांच की थी। डॉक्टरों ने बताया कि उनका ब्लड प्रेशर कम हो रहा है, शुगर लेवल के साथ वजन भी घट रहा है। कीटोन का स्तर भी काफी बढ़ गया है। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि कीटोन लेवल का इतना बढ़ना खतरनाक है और इससे शरीर पर लंबे समय तक बुरा असर पड़ सकता है।


पीएम मोदी को लिखा पत्र
पानी की मांग को लेकर दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्रियों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा। साथ ही उपराज्यपाल वीके सक्सेना से वजीराबाद बैराज का संयुक्त दौरा करने की अपील की। इससे पहले मंत्रियों ने भोगल में चल रहे जल मंत्री आतिशी के अनिश्चितकालीन अनशन स्थल पर बैठक की। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखने और उपराज्यपाल के साथ वजीराबाद का संयुक्त दौरा करने का निर्णय लिया।

प्रधानमंत्री को पत्र में लिखा कि दिल्ली में इस वर्ष भयंकर गर्मी के चलते पानी का संकट पैदा हो गया है। इस वजह से दिल्लीवाले बूंद-बूंद को तरस रहे हैं। तपती गर्मी में दिल्लीवालों की पानी की जरूरत भी बढ़ गई है। दिल्ली को अतिरिक्त पानी की आवश्यकता है। दिल्ली पानी के लिए पूरी तरह से हरियाणा और उत्तर प्रदेश पर निर्भर है। इसमें कहा है कि दुर्भाग्य की बात यह है कि दिल्लीवालों को अधिक मात्रा में पानी मिलना तो दूर, बल्कि आवंटित पानी भी हरियाणा से नहीं मिल पा रहा है।

पत्र में लिखा कि दिल्ली में कुल पानी की सप्लाई 1005 एमजीडी है। इसमें में एक बड़ा हिस्सा 613 एमजीडी पानी हरियाणा से आता है। कई दिन से दिल्ली को 100 एमजीडी पानी कम मिल रहा है। इससे 28 लाख लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। दिल्ली सरकार ने पानी की कमी दूर करने के लिए हरसंभव कोशिश कर ली है। हरियाणा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, केंद्रीय जल मंत्री से मिलने की कोशिश की और हिमाचल के मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। हिमाचल अतिरिक्त पानी दिल्ली को देने को तैयार है, जो यमुना में हरियाणा से दिल्ली आएगा, मगर हरियाणा वह पानी भी देने से इन्कार कर रहा है।

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