विश्व सायकल दिवस का 7वां वर्ष आज : साइकिल की चैन कवर में स्लोगन लिखकर,लोगों को पर्यावरण और साइकिल की ओर आकर्षित करा रहे हैं दीपक

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० “साइकिल की सवारी ,ना प्रदूषण ,ना बीमारी”

अर्जुनी (deshabhi.com)। आज 3 जुन सोमवार को सातवां विश्व सायकल दिवस मनाया जा रहा है।पहला विश्व साइकिल दिवस 3 जून 2018 को मनाया गया ।संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहला आधिकारिक विश्व साइकिल दिवस 3 जून, 2018 को मनाया गया था। यह दिवस परिवहन के एक सरल, किफायती, भरोसेमंद और पर्यावरण की सुरक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है। वहीं स्वास्थ्य छत्तीसगढ़ ब्रांड एंबेसडर रह चुके और अंचल व आयुर्वेद ग्राम रावन के योग प्रशिक्षक दीपक कुमार वर्मा ने बताया आज आधुनिक युग में भी साइकिल का क्रेज( प्रवृत्ति आचरण) फिर से बढ़ गया है। पांच-छःसाल पहले जहां लोग साइकिल से चलने में अपना इंसल्ट समझतेे थे, वहीं अब जिनके घरों में लक्जरी कारें हैं, वो भी साइकिल चला रहे हैं। युवाओं में लडके जहां फिटनेस के लिए साइकिल चला रहे हैं, वहीं लड़कियां बॉडी को स्लिम बनाने के लिए उपयोग कर रही हैं। इसके अलावा लोग अपनी हेल्थ को मेंटेन करने के लिए भी साइकिल का प्रयोग कर रहे हैं।

30 मिनट साइकिल चलाने के फायदे

साइकिल चलाने से शारीरिक, मानसिक के अलावा, मर्दाना ताकत भी बढ़ती है।प्रतिदिन दो किमी या 30 मिनट तक साइकिल चलाते हैं तो ज्यादा समय तक जवान दिखेंगे।आधे घंटे तक साइकिल चलाने से शरीर के सभी अंग एक्टिव हो जाते हैं ऐेसे में रात को बेहतरीन नींद आती है।आधा घंटा साइकिल चलाने से बॉडी की इम्यून सेल्स ज्यादा एक्टिव होती हैं और लोग कम बीमार पड़ते हैं।साइकिल चलाने से बॉडी की तमाम मशल्स हेल्दी और मजबूत हो जाती हैं।
साईकिल चलाने से ब्रेन पॉवर एक्टिव होता है, जो सामान्य लोगों से अधिक ब्रेन पॉवर होता है। आधे घंटे साइकिल चलाने से व्यक्ति इतना कैलोरी नष्ट करता है कि उसका एक्ट्रा फैट कम हो जाता है।

साइकिल चलाने से पर्यावरण और स्वास्थ्य को भी लाभ

साइकिल चलाने से पर्यावरण की रक्षा तो की ही जा सकती है। साथ ही अनेक बीमारियों से भी बचा जा सकता है। साइकिल चलाना और स्वास्थ्य एक दूसरे के पूरक हैं। तनाव दूर करने के लिए अपनी हॉबीज पर कार्य करें। रोजमर्रा के 5 किमी तक के सभी कामों के लिए साइकिल का उपयोग करना चाहिए।

योग कक्षा और शिविरों में साइकिल के प्रति जन जागरूकता अभियान चलाते हैं

स्लोगन “साइकिल की सवारी ,ना प्रदूषण ,ना बीमारी “के नारे लगाकर लोगों को जागृत भी कर रहे हैं। वर्मा ने 8 वर्ष पहले अपने साइकिल के चैन कवर में यह स्लोगन लिखवाया था ,अभी भी लिखा हुआ है , जो लोगों को पर्यावरण और साइकिल के प्रति ध्यान आकर्षित कराते हैं।

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