० अंबुजा सीमेंट कामगारों के हितों की खुलेआम कर रही अवहेलना ,प्रशासन बना मुकदर्शक श्रमआयुक्त की भूमिका नगण्य
अर्जुनी (deshabhi.com)।अडानी सीमेंट संयंत्र रवान के प्रोजेक्ट में पलायन कर काम के लिए आये एक मजदूर की मौत का ताजा मामला सामने आया है सूत्रों के अनुसार अडानी संयत्र रवान में काम की तलाश उत्तर प्रदेश के अमेठी क्षेत्र से आए शाहपुर गांव के 27 वर्षीय युवा श्रमिक संजय राणा का भीषण गर्मी के चलते सन स्ट्रोक के कारण मौत हो गया । बताया जा रहा है कि मजदूर लाइन 3 के प्रोजेक्ट में काम करता था जो दोपहर लंच में आया हुआ था अचानक तबीयत खराब हो जाने के कारण हॉस्पिटल जाने के लिए निकला हुआ था जो अस्पताल पहुंचने से पहले मजदूर कॉलोनी के पानी टंकी के पास में संदिग्ध हालत में गिरा हुआ पाया गया है ।
जिसे संयंत्र के सुरक्षाकर्मियों के द्वारा एंबुलेंस के माध्यम से अंबुजा के प्राथमिक उपचार केंद्र में लाया गया मजदूर की स्थिति को देखते हुए डॉक्टर द्वारा जिला चिकित्सालय रेफर किया गया जहां इलाज के दौरान मजदूर संजय राणा को मृत घोषित किया गया । बता दे की अंबुजा सीमेंट अपने तीसरे यूनिट के निर्माण में लगा हुआ है इस भीषण गर्मी में मजदूरों को 12 से 16 घंटे दबाव पूर्ण काम कराया जा रहा है मजदूरों को छोटेनुमा टिन सेट से बने हुए मजदूर कॉलोनी में रखा गया है । 45,46 डिग्री तापमान में संयंत्र के अंदर मजदूरों से काम कराया जा रहा है ड्यूटी समाप्त होने के बाद मजदूरों को तीन सेट से बने कॉलोनी में रहना पड़ रहा है दिनभर काम करने के बाद मजदूरों को टिन बने से बने कॉलोनी में तपना पड़ रहा है । जिसके कारण मजदूरों को गर्मी से होने वाले गर्मी से होने वाले हिटस्ट्रोक का सामना करना पड़ रहा है कॉलोनी में किसी प्रकार की गर्मी से बचने के लिए उपाय नहीं किया गया है।
जिसके कारण मजदूरों को असमय मृत्यु का सामना करना पड़ रहा है अधिकांश मजदूर गर्मी के कारण गर्मी से होने वाले बीमारियों से जूझ रहे हैं।मजदूर कॉलोनी में संयंत्र द्वारा गर्मी से निपटने का कोई उपाय नहीं किया गया है। कॉलोनी में श्रमिक कॉलोनी में मजदूर भगवान भरोसे पड़े हुए हैं कॉलोनी का निर्माण टिनसीट से होने के कारण मजदूर कॉलोनी का तापमान बाकी जगह से और अधिक हो जाता है जिसके कारण मजदूरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मजदूर कॉलोनी में तीसरी यूनिट का निर्माण में लगभग तीन से चार हजार मजदूर कॉलोनी में भरे हुए हैं। जिससे एक दूसरे में मौसमी बीमारी फैलने का खतरा भी बना हुआ है मजदूर कॉलोनी में दूर-दूर तक किसी प्रकार की छाया पेड़ नहीं होने के कारण मजदूरों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है संयंत्र द्वारा गर्मी से निपटने के किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है । मजदूर के समय मृत्यु से मजदूरों के साथियों में संयंत्र के प्रति भारी आक्रोश देखा जा रहा हैं। संयंत्र के तीसरी यूनिट में काम कर रहे मजदूरों ने बताया है कि के अंदर संयंत्र के अंदर मजदूरों को काफी दबाव में काम कराया जा रहा है मजदूरों को 12- 12 घंटे काम कराया जा रहा है मजदूरों को आराम करने नहीं दिया जा रहा है संयंत्र में पहले मजदूरों के लिए गर्मी के दिनों में नींबू पानी इलेक्ट्रॉल पाउडर आदि की व्यवस्था की जाती थी परंतु इतनी गर्मी होने के बावजूद संयंत्र में किसी प्रकार की गर्मी से निपटने के लिए उपाय नहीं किया जा रहे हैं।
जो के दर्शाता है कि भले ही अडानी संयत्र अपने मजदूरों और देश के उन्नति में कितने भी लाखों खर्च कर ढिंढ़ोरा पिटता हो लेकिन हकीकत में ये दिवालिया है जो श्रमिक हिट में उचित व्यवस6 नही कर पा रही है जिसके कारण मजदूरों को सन स्ट्रोक का सामना करना पड़ रहा है। मजदूरों ने मजदूरों ने बताया कि संयंत्र के अंदर भीषण गर्मी में काम कर रहे हैं इसके बावजूद टिन से बने सेट की कॉलोनी में रहना पड़ रहा है गर्मी के कारण मजदूर रात भर गर्मी से तपते रहते हैं । गर्मी के कारण आराम हराम हो गया है मजदूर गर्मी से सो नहीं पाते हैं इसके अलावा कॉलोनी से निकलने वाला दूषित गंदा पानी कॉलोनी के बगल में जमा हो रहा है जिससे मक्खी मच्छर पनप रहे हैं कॉलोनी के बगल गंदा पानी जमा होने के कारण मक्खी मच्छर कॉलोनी में आ रहे हैं कॉलोनी में मक्खी मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है । मजदूर कॉलोनी में मक्खी मच्छरों से होने वाले संक्रमण का खतरा बढ़ गया है संयंत्र के अमानवी चेहरे से मजदूर हताश महसूस कर रहे हैं। सन स्ट्रोक के कारण युवा मजदूर के मौत से मजदूरों में काफी रोष प्राप्त देखा जा रहा है।