हिंदू धर्म में सभी तिथि और त्योहारों का विशेष महत्व है। वहीं रंगों के त्योहार से पहले फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन किया जाता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। ऐसी मान्यता है कि होलिका दहन के दिन विधिवत पूजा-अर्चना किया जाए, तो व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है और स्वास्थ्य में भी लाभ हो सकता है। आइए जानते हैं होलिका दहन के दिन किस विधि से पूजा-अर्चना करना चाहिए और पूजन विधि क्या है।
क्या है होलिका दहन का शुभ मुहूर्त (Holika dahan 2024 date shubh muhurat)
होलिका दहन दिनांक 24 मार्च को है और इस दिन भद्रा का भी साया रहने वाला है। इसलिए होलिका दहन की पूजा रात 11 बजकर 13 मिनट से आरंभ होगा और इसका समापन रात 12 बजकर 27 मिनट पर होगा।
होलिका दहन पूजन सामग्री (Holika Dahan Pujan Samagri 2024)
होलिका दहन की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन पूजा सामग्री के लिए कच्चा सूती धागा, नारियल, गुलाल पाउडर, रोली, अक्षत(अक्षत के उपाय) , धूप, फूल, गाय के गोबर से बनी माला, बताशे, नया अनाज, मूंग की साबुत दाल, हल्दी का टुकड़ा और एक कटोरी पानी आदि। सभी को पूजा थाली में तैयार करके रखना चाहिए।
होलिका दहन की पूजा किस विधि से करें? (Holika Dahan Puja Vidhi 2024)
होलिका दहन के लिए तैयार की गई लकड़ियों को कच्चे सूत से तीन बार लपेट लें और इसके बाद गंगाजल से छिड़कककर फूल और कुमकुम लगाएं। पूजा के लिए माला, रोली, अक्षत, बताशे, साबुत हल्दी (हल्दी के उपाय), गुलाल, नारियल आदि लें। इसके बाद मंत्र का उच्चारण करते हुए होलिका अग्नि की सात बार परिक्रमा करें। पूजा करते समय होलिका के पास पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है।
असृक्पाभयसंत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै:। अतस्त्वां पूजायिष्यामि भूते भूतिप्रदा भव।।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्