बलौदाबाजार(deshabhi.com)। मुँह की गंदगी और सफाई में किसी भी प्रकार की लापरवाही किसी बीमारी को आमंत्रित कर सकती है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एम पी महिस्वर के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में करोड़ों लोग मुँह से जुड़ी बीमारियों से प्रभावित हुआ करते हैं। ऐसे में मुँह की सेहत को महत्व देते हुए हर वर्ष 20 मार्च को विश्व मुख स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व मुख दिवस का थीम है ए हैप्पी माउथ,इज़ ए हैप्पी बॉडी। इस अवसर पर जिला अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर लोगों के मुख का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया ,साथ ही मुख से संबंधित समस्याओं के लिए आवश्यक उपचार भी किये गए।
लोगों को दाँतों और मसूड़ों की देखभाल के सम्बंध में भी बताया गया। इस अवसर पर अम्बुजा सीमेंट फाउंडेशन के सहयोग से ग्राम देवरानी,मोपर,पौसरी,रवान के प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में 449 बच्चों के मुँह की जांच की गई जिसमें से 93 बच्चों में दाँतों,मसूड़ों की समस्या पाई गई जिसका उपचार शुरू किया गया। इस अवसर पर जिला अस्पताल में सिविल सर्जन डॉक्टर राजेश कुमार अवस्थी की उपस्थिति में अस्पताल के चिकित्सा स्टाफ के लिए इस बाबत एक परिचर्चा भी रखी गई ,जिसमें दाँतों की सेहत के संबंध में दंत चिकित्सक डॉ गौतम ने कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की। उन्होंने बताया कि दाँतों की सुरक्षा के लिए फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करना चाहिए, दाँतों में किसी प्रकार का खाना न फंसे यह ध्यान रखा जाए। दिन में दो बार ब्रश अवश्य करें तथा यह खाने के बाद अनिवार्य रूप से हो। बाजार में मिलने वाले सॉफ्ट ड्रिंक या कोल्ड ड्रिंक का उपयोग कम से कम करें। भोजन में ताजी और रेशेदार सब्जियों का सेवन होना चाहिए ।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कुछ हार्मोंस जैसे एस्ट्रोजन एवं प्रोजेस्टेरोन के प्रभाव के कारण मसूड़े से खून आना, दाँतों में झनझनाहट होना सही तरीके से ब्रश न करने से शरीर में एसिडिटी का बढ़ना यह समस्याएं प्रकट हो सकती हैं इसके लिए चिकित्सक से संपर्क करें। बहुत से लोगों को ब्रश करने का सही तरीका भी मालूम नहीं होता है। ब्रश करने के लिए मुलायम ब्रश का इस्तेमाल करें हल्के हाथों से आगे और पीछे ब्रश करना शुरू करें उसके बाद ऊपर के दाँत नीचे की तरफ और नीचे के दाँत ऊपर की तरफ ब्रश करें दाँतों के अंदरूनी भाग को साफ करने के लिए ब्रश को सीधे पड़कर ऊपर -नीचे सफाई करें इसके साथ ही साथ अंत में जीभ की भी सफाई होनी चाहिए। ब्रश को हर दो माह में बदलना चाहिए। ऐसे ही खानपान की भी कुछ आदतें हैं जिनके कारण दाँतों को नुकसान पहुंच सकता है जैसे बर्फ को चबाना,जीभ को छिदवाना ज्यादा चीनी और स्टार्च का सेवन करना अम्लीय खाद्य एवं पेय पदार्थ का उपयोग, धूम्रपान एवं तंबाकू का सेवन। तंबाकू का सेवन मुंह में कैंसर जैसी भयावह बीमारी को जन्म दे सकता है। अगर दाँत में लंबे समय से दर्द है, दाँत या मसूड़े से खून आ रहा है ,मुँह से दुर्गंध आ रही है। दाँत बराबर नहीं है,दाँतों के रंग में बदलाव हो रहा है ठंडा या गरम खाने पीने से दाँतों में झनझनाहट होती है। दाँत हिलने लगे हैं तो तुरंत नजदीक के दंत चिकित्सक से अवश्य मिलना चाहिए।
राष्ट्रीय मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ रोशन देवांगन ने बताया कि मुँह की सेहत के लिए जिला अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में दंत चिकित्सक पदस्थ हैं। इन केंद्रों पर दाँत की सफाई, कृत्रिम दांत, रूट कैनाल, कैविटी फिलिंग इत्यादि सेवाएं मरीजों को प्रदान की जाती हैं इसके अतिरिक्त यहां मुँह के कैंसर की भी स्क्रीनिंग होती है। किसी भी प्रकार की आवश्यकता होने पर सम्पर्क किया जा सकता है।