इतिहास में आज 19 मार्च : 1972 में आज ही के दिन भारत-बांग्लादेश संबंधों की हुई थी नई शुरुआत, जानें आज का रोचक इतिहास

admin
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हर दिन खास होता है क्योंकि हर दिन का अपना इतिहास होता है. इतिहास की इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे 19 मार्च की तारीख के बारे में. 19 मार्च साल 1972 ये वो दिन थे जब भारत और बांग्लादेश (India and Bangladesh) के बीच ‘मैत्री एवं शांति संधि’ (‘Friendship and Peace Treaty’) पर हस्ताक्षर हुए, जिसके साथ दोनो देशों के बीच परस्पर सहयोग का एक नया युग प्रारंभ हुआ. इस संधि के साथ ही दोनों देशों ने एक-दूसरे से यह वादा भी किया कि वे कला, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देंगे.

इतिहास के दूसरे अंश में बात वामपंथी नेता EMS नंबूदरीपाद (EMS Namboodiripad) की करेंगे. आज उनकी पुण्यतिथि है. बता दें नंबूदरीपाद भारत के पहले गैर कांग्रेसी केरल के मुख्यमंत्री थे. 1932 में नंबूदरीपाद महात्मा गांधी के सविनय अवज्ञा आंदोलन से जुड़ गए. इसके लिए उन्हें ब्रिटिश सरकार ने एक साल के लिए जेल में डाल दिया था. साल 1934 में उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) जॉइन कर ली. बता दें नंबूदरीपाद उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने सबसे पहले भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग की थी.

इतिहास के तीसरे अंश में बात पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee) की करेंगे. 19 मार्च साल 1998 ये वो दिन था जब अटल बिहारी वाजपेयी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. बता दें वाजपेयी की ये सरकार महज 13 महीने ही चली. लेकिन इसके बाद हुए चुनाव में एनडीए को उनके नेतृत्व में बहुमत मिला और वो फिर वाजपेयी प्रधानमंत्री बने. इस बार उन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया और ऐसा करने वाले वो पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने.

देश-दुनिया में 19 मार्च का इतिहास
1998: अटल बिहारी वाजपेयी ने दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली.

1984: एक्ट्रेस तनुश्री दत्ता का जन्म हुआ.

1982: भारतीय स्वाधीनता सेनानी जेबी कृपलानी का निधन हुआ.

1982: अर्जेंटीना ने दक्षिणी जॉर्जिया में झंडा फहराया.

1970: पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के नेता 1949 में जर्मनी के विभाजन के बाद पहली बार मिले.

1939: हास्य अभिनेता जगदीप का मध्य प्रदेश के दतिया में जन्म हुआ.

1915: पहली बार प्लूटो की तस्वीर ली गई। उस समय प्लूटो ग्रह नहीं था.

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