आज से माघ मास की गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है। नवरात्रि पर्व के 9 दिन देवी माँ को समर्पित होते है. खास कर गुप्त नवरात्रि का हमारे हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व माना गया है. इन चारों नवरात्रि में देवी माँ के भक्त बड़े ही श्रद्धा भाव से पूजन अर्चना करते है.
10 फरवरी से इस बार साल की पहली गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो रही है. इस समय माता की गुप्त तरीके से पूजा की जाती है. इसका सीधा संबंध तंत्र विद्या से जुड़ा हुआ है. नवरात्र का शाब्दिक अर्थ है देवी माँ को समर्पित नौ पवित्र रातें. साल की 4 नवरात्रि में चैत्र नवरात्रि एवं शारदीय नवरात्रि प्रसिद्ध हैं एवं अन्य दो गुप्त हैं, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है.गुप्त नवरात्रि माघ एवं आषाढ़ माह के दौरान आती है. इस साल की पहली गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू हो रही है.
मुहूर्त इस प्रकार है
घटस्थापना का समय एवं गुप्त नवरात्रि में प्रतिपदा तिथि का आरंभ 10 फरवरी को सुबह 04:28 मिनिट से समापन 11 फरवरी दोपहर 12:47 मिनिट तक रहेगा. मीना लग्न का प्रारंभ 10 फरवरी सुबह 08:09 मिनिट से मीना लग्न का समापन 10 फरवरी सुबह 09:43 मिनिट तक है. घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 10 फरवरी को सुबह 08:09 मिनिट से 09:43 मिनिट तक है. घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त 10 फरवरी सुबह 11:38 मिनिट से दोपहर 12:24 मिनिट तक है.
इस नवरात्रि का धार्मिक महत्व
हर साल में 4 बार नवरात्रि आती है. हिन्दू धर्म में नवरात्रि को बहुत ही खास माना गया है. इन 9 दिनों में देवी के भक्तों द्वारा सच्चे मन से माता की पूजा की जाती है. इस समय खास कर गुप्त तरीके से माता की पूजा की जाती है. इसका संबंध तंत्र विद्या से जुड़ा है.गुप्त नवरात्रि में साधक एवं तांत्रिक इन दिनों में देवी माँ दुर्गा की पूजा करते हैं एवं देवी का आशीर्वाद मांगते हैं. यह सभी साधकों एवं तांत्रिकों के लिए विभिन्न पूजा अनुष्ठान जैसे हवन, तांत्रिक मंत्र का जाप, शाबर मंत्र का जाप, ध्यान, हठ योग एवं सख्त उपवास करके सिद्धि प्राप्त करने का सही समय है. इसलिए गुप्त नवरात्रि का संबंध तंत्र विद्या से जुड़ा हुआ होता है.
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