अयोध्या। अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा पूरी हो गई है। रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं, इसी के साथ सदियों का इंतजार भी समाप्त हो गया है। प्राण प्रतिष्ठा के बाद गर्भगृह से रामलला की तस्वीर भी सामने आई है। रामलला स्वर्ण आभूषणों से सुसज्जित हैं और उन्होंने अपने हाथों में स्वर्ण से बना धनुष-बाण धारण किया हुआ है। आम लोगों के लिए 23 जनवरी के बाद से ही मंदिर खुलेगा। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कई राम भक्त भी देश के कोने-कोने से अयोध्या पहुंच चुके हैं। इसी बीच रामलला का एक भक्त पैरों के बल नहीं बल्कि हाथों से अयोध्या के लिए निकल पड़ा है, जिसका एक वीडियो भी सामने आया है।
प्रभु श्री राम के दर्शन करने के लिए एक भक्त ने भक्ति की सभी सीमाओं को लांघ दिया है। यह भक्त अपने पैरों के बल नही, बल्कि अपने हाथों के जरिए अयोध्या के लिए चल पड़ा है। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें आप देख सकते हैं कि भक्त ने अपने दोनों पैरों को लाल धागे से बांधा हुआ है और हाथों के बल चल रहा है। रामलला के लिए भक्त की ऐसी दीवानगी देख लोग भी हैरान हैं। राम मंदिर उद्घाटन के साथ ही यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। लोग भी वीडियो देखने के बाद राम भक्त की खूब सराहना कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि भक्त की आस्था को दिल से सलाम है जोकि अपने प्रभु से मिलने के लिए ऐसा कठिन रास्ता चुना है। सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि इस तपस्या का भक्त को राम जरूर फल देंगे।
बता दें कि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में सोमवार को श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा संपन्न हुई और देश -विदेश में लाखों रामभक्त इसके साक्षी बने । प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सेना के हेलीकॉप्टरों ने नवनिर्मित रामजन्मभूमि मंदिर पर पुष्प वर्षा की। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अयोध्या धाम में श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा का अलौकिक क्षण हर किसी को भाव-विभोर करने वाला है। इस दिव्य कार्यक्रम का हिस्सा बनना मेरा परम सौभाग्य है। जय सियाराम !” सुनहरी रंग का कुर्ता, क्रीम रंग की धोती और उत्तरीय पहने प्रधानमंत्री मोदी नवनिर्मित राम मंदिर के मुख्य द्वार से अंदर तक पैदल चलकर कार्यक्रम स्थल पहुंचे और गर्भगृह में प्रवेश किया। प्रधानमंत्री इस दौरान अपने हाथ में लाल रंग के कपड़े में लिपटा हुआ चांदी का एक छत्र भी लेकर आए थे।