भोपाल(desh abhi.com)।मध्य प्रदेश में चुनाव परिणाम आए 20 दिन से ज्यादा बीत चुके हैं। मुख्यमंत्री की शपथ को 11 दिन हो चुके हैं। मध्य प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव आज तीसरी बार राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में हैं। लेकिन इसी बीच एक बड़ी खबर आ रही है।
मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन अभी तक नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री बनने के बाद डॉक्टर मोहन यादव तीन बार राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली जाकर केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद भी प्रदेश को मंत्री नहीं मिल पाए। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं आखिर क्या मजबूरी है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को मध्य प्रदेश के मंत्री तय करने में इतना अधिक समय लग रहा है? आपको बता दें कि 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद भारतीय जनता पार्टी को 163 सीट के साथ प्रचंड बहुमत हासिल हुआ था। इसके बाद मुख्यमंत्री चयन में भी करीब 8 दिन का समय लगा था और 13 दिसंबर को शपथ हुई थी। डॉ मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने जबरदस्त तरीके से चौंकाया था। दो उपमुख्यमंत्री के तौर पर जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल ने भी शपथ ली है।
इसी बीच सूत्रों से खबर आ रही है कि कल मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक डेढ़ दर्जन से अधिक मंत्री बनाए जा सकते हैं। सीएम बनने के बाद डॉक्टर मोहन यादव पहली बार 17 दिसंबर को दिल्ली गए थे। उसके बाद उनका दूसरा दौरा 21 दिसंबर को हुआ और तीसरा दौरा 24 दिसंबर को है। 17 दिसंबर को जब मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव नई दिल्ली गए थे तो उनके साथ में दोनों उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला भी साथ थे। तीनों नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित कई केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की थी। प्रदेश के सांसदों के साथ भोजन भी किया था।
जल्द ही मंत्रियों की सूची सामने आ जाएगी। मुख्यमंत्री के इस बार फिर दिल्ली दौरे के बाद लगभग मंत्रिमंडल का विस्तार तय माना जा रहा है। इसके पहले कल भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश प्रभारी हितानंद भी राजधानी दिल्ली पहुंचे थे और वहां केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात की थी।
अब संभावना जताई जा रही है कि देर रात या सुबह तक मध्य प्रदेश में बनने वाले मंत्रियों की सूची जारी हो सकती है। मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल के गठन में सबसे बड़ी पेचीदगी यह आ रही है कि इस चुनाव में जीतकर दो केंद्रीय मंत्री आए हैं। वहीं, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी विधायक चुनकर आए हैं। पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को स्पीकर बनाकर एक बड़ा पद दिया जा चुका है, लेकिन अभी भी पूर्व केंद्रीय मंत्री पहलाद पटेल और कैलाश विजयवर्गी जैसे बड़े चेहरे सामने हैं।
इसके अलावा कुछ सांसद विधायक का चुनाव जीते हैं। प्रदेश के पूर्व मंत्री भी चुनाव जीतकर आए हैं। ऐसे में अब किसे मंत्री बनाया जाए और किसे नहीं? इसको लेकर केंद्रीय नेतृत्व में बात अटक गई है। अनुमान जताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में पहले मंत्रिमंडल 15 से 20 मंत्रियों का होगा, जिसमें वरिष्ठ नेताओं को स्थान दिया जाएगा। इसके अलावा दूसरे गठन में कुछ नए चेहरों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।