छत्तीसगढ़ : मनोहर साहू ने कांग्रेस छोड़ सपा से भरा नामांकन

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भाटापारा में कांग्रेस नेता मनोहर साहू हुए नाराज़

इंद्र साव को कांग्रेस से टिकट दिए जाने का विरोध, छोड़ी पार्टी

भाटापारा (deshabhi.com).

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का रण सजकर तैयार है. इस रण में इस बार भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस आमने सामने की लड़ाई लड़ रहे हैं तो वहीं बागी प्रत्याशी बड़े राष्ट्रीय राजनैतिक दलों की रणनीति को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं. ऐसा ही कुछ नज़ारा मैदानी क्षेत्र भाटापारा विधानसभा में देखने को मिल रहा है. यहां कांग्रेस की नीतियों और टिकट बंटवारे से नाराज़ होकर कांग्रेस के कद्दावर नेता और कांग्रेस से ही पूर्व जनपद अध्यक्ष के पति मनोहर साहू ने बागी तेवर अपना लिया है. अब तक कांग्रेस के नेता रहे मनोहर साहू ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. लंबे समय तक कांग्रेसी रहे मनोहर साहू ने भाटापारा विधानसभा से इंद्र साव को टिकट दिए जाने पर नाराज़गी जताई है और अब समाजवादी पार्टी के बैनर तले अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव

इस फैसले के पीछे के कारणों को समझने के लिए हमें मनोहर साहू की राजनीतिक यात्रा को गहराई से समझना होगा. मनोहर साहू, जो लंबे समय से कांग्रेस में सक्रिय रूप से राजनीति कर रहे हैं, ने हमसे बातचीत की. उन्होंने बताया कि उनका नाराज़गी का कारण कांग्रेस की नीतियों में बदलाव है. साहू ने कहा, “मेरी राजनीतिक यात्रा में, मैंने हमेशा जनता के हित में काम करने का प्रयास किया है, लेकिन कुछ समय से मेरे मन में यह ख़याल आता रहा कि कांग्रेस की नीतियां जनकल्याणकारी न होकर एक व्यक्ति विशेष के अनुसार चलने लगी हैं. जहां पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों को अवसर न देकर एक बहुत जूनियर व्यक्ति को मौका दिया गया, जो उन्हें मंजूर नहीं. “

गौरतलब है कि मनोहर साहू लंबे अरसे से कांग्रेस पार्टी से सक्रिय राजनीति करते रहे हैं. साथ ही साहू समाज में भी उनकी सक्रियता रही है, ऐसे में एक बड़ा वोट बैंक उनके पास है. भाटापारा विधानसभा में साहू समाज के वोटर बड़ी संख्या में हैं, ऐसे में मनोहर साहू को उम्मीद है कि उन्हें समाज में सक्रियता का फल वोट के रूप में मिलेगा. समाज के वोट से उन्हें इस चुनाव में बड़ी लीड मिल सकती है. इसके अलावा भी क्षेत्र में बतौर राजनेता और समाज सेवक उनकी सक्रियता की वजह से भी लोगों का सहयोग और समर्थन वोटों के रूप में उन तक पहुंचेगा. ऐसे में मनोहर साहू को अपनी जीत की संभावनाएं नजर आ रही हैं. दूसरी ओर इस विधानसभा चुनाव में भाटापारा सीट से मनोहर साहू के अलावा और कई कांग्रेसियों के भी कांग्रेस से बगावत की खबरें लगातार मिल रही हैं. इनमें दिग्गज कांग्रेसी नेता डॉ. गोपाल प्रसाद साहू का नाम भी शामिल है. उन्होंने भी कांग्रेस से बगावत कर राष्ट्रीय पार्टी आरपीआई से अपना नामांकन दाखिल किया था, हालांकि नामांकन के मापदंडों को पूरा न कर पाने की स्थिति में उनका नामांकन रद्द हो गया. अब ऐसे में बागी कांग्रेसी नेताओं की वजह से भाटापारा विधानसभा से कांग्रेस की स्थिति कमजोर होती दिख रही है.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के साथ चार अन्य राज्यों में भी विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. इन सभी राज्यों के चुनाव परिणाम आगामी 3 दिसंबर को मतगणना के साथ घोषित किए जाएंगे. अब 3 दिसंबर की तारीख के साथ ही आने वाला भविष्य ही बताएगा कि चुनाव के परिणाम किस करवट होंगे. इन सबके बीच यही कहा जा सकता है कि इस बार चुनाव के परिणाम में बागियों की भूमिका नतीजों को पलटने में अहम होगी. कई सीटों पर बागियों ने चुनावी मैदान में उतरकर सत्ता की इस लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस बार भाटापारा विधानसभा सीट के साथ ही पूरे छत्तीसगढ़ की विधानसभा सीटों को लेकर परिणाम रोचक होंगे.

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