छत्तीसगढ़ में बायो-एथेनॉल प्लांट

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Biofuel: Biomass ethanol, made form corn, diagram illustration

दुर्ग जिले के गोढ़ी में लगाया गया है प्लांट  

छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण ने तैयार किया है संयंत्र का तकनीकी डिजाइन

Biofuel: Biomass ethanol, made form corn, diagram illustration

रायपुर. छत्तीसगढ़ में बायोफ्यूल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दुर्ग जिले के ग्राम गोढ़ी में अत्याधुनिक बायो एथेनाल प्रदर्शन संयंत्र स्थापित किया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 27 सितंबर को इस संयंत्र का वर्चअल रूप से लोकार्पण किया. भारत सरकार के सीएसआईआर और सीएसएमआरआई के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण द्वारा संयंत्र की तकनीकी डिजाइन और ड्राइंग तैयार की गई है. मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित इस वर्चुअल लोकार्पण समारोह में उप मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री टी.एस. सिंहदेव और ऊर्जा सचिव अंकित आनंद सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

सीबीडीए द्वारा दुर्ग जिले के ग्राम गोढ़ी स्थित बायोफ्यूल कॉम्प्लेक्स परियोजना परिसर में स्थापित 1जी बायो-एथेनॉल प्रदर्शन संयंत्र में विशुद्ध रूप से जैव ईंधन अनुसंधान एवं विकास गतिविधियाँ जैसे कि जैव ईंधन उत्पादन, प्रसंस्करण और रूपांतरण प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्य के लिए स्थापित की गई है. संयंत्र में स्थानीय कच्चा माल के रूप में छत्तीसगढ़ में उपलब्ध स्टार्च युक्त कम्पाउन्ड जैसे कि अधिशेष धान, अनाज जैसे गेहूँ, चावल के खराब दाने जो कि खाने योग्य न हो, गन्ने का रस, मोलासेस, मक्का आदि का उपयोग किया जायेगा.

गौरतलब है कि बायो-एथेनॉल संयंत्र में प्रारंभिक तौर पर मार्कफेड में उपलब्ध खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 के फीड 2 श्रेणी के अधिशेष धान का क्रय कर बायो-एथेनॉल उत्पादन का प्रयोगमूलक (अनुसंधान) कार्य जारी है. बायोफ्यूल कॉम्प्लेक्स परियोजना परिसर में एक अत्याधुनिक बायो-टेक्नोलॉजी प्रयोगशाला की स्थापना भी की गई है. प्रयोगशाला में बायो-एथेनॉल का भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित मापदंड अनुसार गुणवत्ता परीक्षण, सह-उत्पाद का उपयोग की क्षमता बढ़ाने के लिये दक्षता सुधार और नवाचार को प्रोत्साहित किया जाएगा तथा जहाँ संभव हो पेंटेन्ट पंजीकृत किये जायेंगे.

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