पंच से शुरू हुआ था राजनीति का सफर
रायपुर. (deshabhi.com). विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुन लिया गया है. वे छत्तीसगढ़ के पहले आदिवासी मुख्यमंत्री होंगे. भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल ने पर्यवेक्षकों के सामने श्री साय को मुख्यमंंत्री बनाए जाने पर अपनी सहमति दी, इसके बाद पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव ने विष्णुदेव साय के नाम की घोषणा बतौर मुख्यमंत्री की.
मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद श्री साय और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने तीनों पर्यवेक्षकों अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनोवाल व दुष्यंत गौतम के साथ प्रदेश के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से भेंटकर उन्हें वर्ष 2023 में निर्वाचन के बाद बहुमत के आधार पर छत्तीसगढ़ में नई सरकार बनाने संबंधी दावा पत्र सौंपा. राज्यपाल श्री हरिचंदन ने भारत के संविधान की धारा 164 के तहत विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री नियुक्त किए जाने संबंधित पत्र प्रदान करते हुए कैबिनेट गठन के लिए आमंत्रित किया.
विष्णुदेव साय को जानें… :
विष्णुदेव साय का का जन्म 21 फरवरी 1964 को जशपुर जिले के बगिया गांव में एक किसान में परिवार में हुआ था. उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा गांव के बगिया प्राथमिक स्कूल से की और आगे की पढ़ाई छठवीं से 11वीं तक कुनकुरी के लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल में 1981 तक पढ़ाई की. इसके बाद चार भाइयो में सबसे बड़े विष्णुदेव पारिवारिक कारणों से आगे की पढ़ाई छोड़ दी और घर में पिताजी के साथ खेती किसानी करने लगे. श्री साय ने वर्ष 1991 में कौशल्या देवी से शादी की. उनके एक बेटा और दो बेटियां हैं.
पंच से मुख्यमंत्री तक का सफर :
विष्णुदेव साय का मूल व्यवसाय कृषि है. किसान परिवार के श्री साय ने लंबा राजनीतिक सफर तय कर ऊंचा मुकाम हासिल किया. उन्होंने तत्कालीन अविभाजित मध्यप्रदेश में सन् 1989 में बगिया ग्राम पंचायत के पंच के रूप में अपने राजनीतिक जीवन शुरुआत की. श्री साय सन् 1990 में ग्राम पंचायत बगिया के निर्विरोध सरपंच चुने गए. श्री साय सन् 1990 में पहली बार तपकरा विधानसभा से विधायक बने.
श्री साय सन् 1999 से लगातार रायगढ़ से 4 बार सांसद चुने गए. उन्होंने लोकसभा क्षेत्र रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से सन् 1999 में 13वीं लोकसभा, 2004 में 14वीं लोकसभा, सन् 2009 में 15वीं लोकसभा और 2014 में 16वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में उल्लेखनीय कार्य किए. श्री साय ने 27 मई 2014 से 2019 तक केन्द्रीय राज्य मंत्री के रूप में इस्पात, खान, श्रम व रोजगार मंत्रालय का प्रभार संभाला.
2020 से 2022 तक छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष की पद पर रहे. वहीं 2022 से विशेष आमंत्रित राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य के रूप में रहे. 2023 के विधानसभा चुनाव में कुनकुरी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी यूडी मिंज को 25 हजार 787 मतों से पराजित कर पुनः विधायक बने.
दादा और बड़े पिताजी भी रह चुके हैं विधायक :
श्री साय मूलतः किसान परिवार से हैं, लेकिन उनके परिवार के राजनीतिक अनुभव का लाभ उन्हें मिला. उनके दादा स्वर्गीय बुधनाथ साय भी सन् 1947-1952 तक विधायक रहे. वहीं विष्णुदेव साय के बड़े पिताजी स्वर्गीय नरहरि प्रसाद साय, स्वर्गीय केदारनाथ साय लंबे समय से राजनीति में रहे. स्वर्गीय नरहरि प्रसाद लैलूंगा और बगीचा से विधायक और बाद में सांसद चुने गए. केंद्र में संचार राज्यमंत्री के रूप में भी उन्होंने काम किया. स्वर्गीय केदारनाथ साय तपकरा से विधायक रहे.
राजनीति के साथ खेल में भी रुचि :
छत्तीसगढ़ प्रदेश के नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की रुचि राजनीति के साथ खेलकूद में भी है. श्री साय बैटमिंटन, फुटबॉल जैसे खेलों में रुचि रखते हैं. वहीं उन्हें किताबें पढ़ना भी पसंद है. इसके अलावा विष्णुदेव साय आदिवासियों का उत्थान और उनके विकास के लिए काम करना, गरीबों की सेवा करना है.