नई दिल्ली(deshabhi.com)। मालदीव सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले तीन मंत्रियों पर कड़ी कार्रवाई की है। मंत्री मरियम शिउना, मालशा शरीफ, और महमूद माजिद को उनकी विवादित टिप्पणियों के लिए उनके पद से सस्पेंड कर दिया गया है। इस कदम के बाद भी मालदीव सरकार को लोगों की आलोचना का सामना करना पड़ा है, जिसके चलते मंत्री महमूद माजिद ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट को डिलीट कर दिया है।
मालदीव सरकार के प्रवक्ता और मंत्री इब्राहिम खलील ने बताया कि इन मंत्रियों को उनकी टिप्पणियों के लिए तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया गया है। इस मामले में मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने भारत के साथ की गई सदियों पुरानी दोस्ती की महत्वपूर्णता को बताया और इस प्रकार की टिप्पणियों का नकारात्मक प्रभाव डालने की अनुमति नहीं देने की अपील की। उन्होंने कहा, “मैं सोशल मीडिया के जरिए मालदीव सरकार के मंत्रियों द्वारा भारत के खिलाफ इस्तेमाल की जा रही घृणास्पद भाषा की निंदा करता हूं। भारत हमेशा से मालदीव का एक अच्छा और भरोसेमंद दोस्त रहा है और हमें इस तरह की कठोर टिप्पणियों को हमारे दोनों देशों के बीच सदियों पुरानी दोस्ती पर नकारात्मक प्रभाव डालने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।”
क्यों शुरू हुआ पूरा विवाद?
इस मुद्दे का आरंभ प्रधानमंत्री मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद हुआ था, जिस पर महिला मंत्री मरियम शिउना ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। भारतीय उच्चायुक्त ने मंत्री की इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई और भारत ने मालदीव सरकार के समक्ष इस मुद्दे को उठाया। मुइज्जु सरकार ने यह बयान जारी किया कि विदेशी नेताओं और उच्च पदस्थ व्यक्तियों के खिलाफ सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपमानजनक टिप्पणियों से वे अवगत हैं, लेकिन ये टिप्पणियां मालदीव सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं हैं।
इस पूरे विवाद से साफ है कि भारत और मालदीव के बीच के रिश्तों में एक तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसका हल जल्दी से निकाला जाना चाहिए ताकि दोनों देशों के बीच की महत्वपूर्ण दोस्ती को बनाए रखा जा सके।