महिला सुरक्षा के लिए बड़ी पहल : निर्भया कमांड और कंट्रोल सेंटर

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स्कूल बस और यात्री बस में लगेंगे जीपीएस और पैनिक बटन

जीपीएस से आपराधिक घटनाओं पर लगेगा अंकुश

बसों के रूट की मिलेगी पल-पल की जानकारी

पैनिक बटन दबाते ही मिलेगी डायल 112 से पुलिस सहायता

रायपुर. छत्तीसगढ़ में महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए बड़ी पहल की गई है. यहां यात्री बसों में महिलाओं एवं स्कूल बसों में विद्यार्थियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए निर्भया फ्रेमवर्क के अंतर्गत सभी स्कूल बस में पैनिक बटन लगाया जाएगा और व्हीकल ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से गाड़ियो की ट्रैकिंग किया जाएगा. पैनिक बटन लगने से बस में किसी प्रकार के हादसे, छेड़छाड़ होने पर पैनिक बटन दबाने से तुरंत निर्भया कमांड सेंटर और पुलिस विभाग के डायल 112 को सूचना मिल जाएगी. इसके साथ ही बसों का लोकेशन, स्पीड आदि का भी पता चलता रहेगा. इससे बसे नियंत्रित गति से चलेगी, जिससे हादसे की आशंका भी कम हो जाएगी. जीपीएस सिस्टम का कंट्रोल रूम डायल 112 के कार्यालय में बनाया गया है.

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इस व्यवस्था के शुरू होने से जनता को किसी तरह के खतरे तथा अनहोनी से निपटने में काफी सहूलियत होगी. वर्तमान में प्रदेश में कुल 12 हजार बसें संचालित हो रही हैं, जो अलग-अलग रूट से प्रदेश के कोने-कोने तक जा रही हैं. इसी तरह राज्य में लगभग 6000 स्कूल बस भी संचालित हैं. बसों में पैनिक बटन और जीपीएस के लगने से बसों की पल-पल की जानकारी मिलेगी.

राज्य में परिवहन विभाग द्वारा सुगम यातायात व्यवस्था के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. इस संबंध में परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नवीन व्यवस्था के तहत स्कूल बस के रूट में भी मैप रहेगा ताकि स्कूल बस यदि बच्चों को लेकर निर्धारित रूट के अलावा कहीं जाये तो ऑटोमैटिक अलर्ट आ जाये. इसके लिए कंट्रोल रूम में शिफ्ट के हिसाब से चार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी जो लगातार सभी बस को मॉनिटर करते रहेंगे और इमरजेंसी की स्थिति में पुलिस विभाग को सूचित करेंगे.

गौरतलब है कि दिल्ली में हुए निर्भया प्रकरण के बाद से ही केंद्र सरकार ने महिला सुरक्षा की दिशा में कदम उठाने के लिये निर्देश दिए थे ताकि इस तरह के प्रकरण की पुनरावृत्ति न हो. इसी के तहत छत्तीसगढ़ राज्य में निर्भया फण्ड के अंतर्गत सभी यात्री वाहनो को ट्रैक करने के लिए यात्री वाहनों में जीपीएस लगवा कर व्हीकल ट्रैकिंग प्लेटफ़ार्म के माध्यम से ट्रैकिंग करने का निर्णय लिया गया. व्हीकल ट्रैकिंग सॉफ्टवेर को चिप्स के माध्यम से बनाया गया है और समस्त गाड़ी के लाइव ट्रैकिंग देखने और त्वरित कार्यवाही करने के लिए सिविल लाइंस रायपुर में स्थित डायल 112 भवन में ही कमांड और कंट्रोल सेंटर भी बनाया गया है.

क्या है पैनिक बटन?

पैनिक बटन लगने से दुर्घटना या कोई समस्या होने पर बस में सवार यात्री पैनिक बटन को दबाएंगे. बटन के दबते ही पुलिस कंट्रोल रूम व परिवहन कंट्रोल रूम को जानकारी मिलेगी और नजदीकी पुलिस थाने के कर्मचारी तुरंत बस तक पहुंचकर यात्रियों की मदद करेंगे.

जानिए क्या है जीपीएस…

ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम यानी जीपीएस एक ऐसा उपकरण है, जिसे अगर गाड़ी में फिट कर दिया जाए तो एक निर्धारित सर्वर पर गाड़ी का लोकेशन पता लगाया जा सकता है. जीपीएस सिस्टम लगने से आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगेगा. बसों के सही रूट की जानकारी मिल सकेगी. महिला और बच्चों के सुरक्षा के लिए राज्य के सभी स्कूल बस और यात्री बस को पैनिक बटन सुसज्जित जीपीएस के माध्यम से मॉनिटर किया जायेगा. इसके लिए निर्भया कमांड सेंटर बन कर तैयार हो चुका है.

प्रदेश में चलने वाली निजी बसों में जीपीएस सिस्टम और पैनिक बटन लगाने का निर्णय लिया गया है. इससे बस की पल-पल की जानकारी मिल सकेगी.

  • दीपांशु काबरा, आयुक्त, परिवहन विभाग, छत्तीसगढ़
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