तालिबान शासन की ओर से संसाधनों की कमी बनी वजह
डेस्क (deshabhi.com). अफगानिस्तान ने भारत में संचालित अपने दूतावास को 1 अक्टूबर 2023 से बंद कर दिया है. इसके पीछे प्रमुख वजह तालिबान शासन की ओर से संसाधनों की कमी को बताया गया है. साथ ही कहा गया कि वे अफगानिस्तान के हितों को पूरा कर पाने में विफल हुए हैं. अफगानिस्तान की ओर से भारत में अपने दूतावास को बंद करने की आधिकारिक घोषणा शनिवार 30 सितंबर को ही कर दी गई थी. गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान शासन स्थापित होने के बावजूद भारत में अफगागिस्तान की पुरानी सरकार के राजनयिक और दूतावास काम कर रहे थे. भारत में अफगानिस्तान का दूतावास बंद होने के बाद अब शरणार्थियों को काफी परेशानियों से जुझना पड़ेगा.
अफगान दूतावास ने जारी किया बयान
अफगान दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसे इस फैसले के ऐलान पर बहुत अफसोस हो रहा है. बहुत ही दुख और निराशा के साथ नई दिल्ली में अफगानिस्तान दूतावास अपना कामकाज बंद करने के इस फैसले किया गया है. दूतावास ने मिशन को प्रभावी तरीके से नहीं चला पाने के कुछ कारण अपने बयान में हवाला दिया है. उन्होंने कहा कि उसे मेजबान देश से अहम सहयोग की कमी महसूस हो रही है जिसकी वजह से वह प्रभावी तरीके से अपना काम नहीं कर पा रहा.
दूतावास बंद करने के 3 बड़े कारण
दूतावास की तरफ से कहा गया है कि मेजबान देश भारत की तरफ़ से इस मुश्किल समय में जो मदद मिलनी चाहिए वो नहीं मिली. दूतावास के तौर पर अफ़ग़ानिस्तान के नागरिकों की उम्मीदों पर खरा उतरने में नाकाम रहे. काबुल में वैध सरकार काम नहीं कर रही और भारत की तरफ़ से ज़रुरी मदद नहीं मिली. उन्होंने आगे कहा कि संसाधनों की कमी के चलते दूतावास के कर्मचारियों की तादाद कम से कमतर करना पड़ा, जिससे ज़रूरी कामकाज चलाने में दिक्कत बढ़ती गई. इसके अलावा अफ़ग़ानिस्तान के राजनयिकों के वीज़ा के नवीनीकरण में भी दिक्क़त आ रही है.