दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की नई संस्था की मान्यता रद्द कर दी है। मंत्रालय ने WFI के नवनियुक्त अध्यक्ष संजय सिंह को भी निलंबित कर दिया है। नए अध्यक्ष संजय सिंह ने घोषणा कर दी थी कि अंडर 15 और अंडर 19 के मुकाबले गोण्डा में होंगे, जबकि इसके लिए नियमों का पालन नही किया गया। इस वजह से खेल मंत्रालय ने यह कार्रवाई की। खेल मंत्रालय ने नवनियुक्त अध्यक्ष संजय सिंह द्वारा लिए गए सभी फैसलों को भी निरस्त करने का फैसला कर दिया है।
बता दें कि, गुरुवार को डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष चुने गए संजय सिंह को पूर्व WFI अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह का करीबी माना जाता है। संजय सिंह को अध्यक्ष चुने जाने के बाद पहलवानों ने इस पर आपत्ति जताई थी। पहलवानों का कहना था कि वह बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं और ऐसे में डब्ल्यूएफआई में किसी भी तरह के सुधार की उम्मीद नजर नहीं आती। सिंह के अध्यक्ष बनने के तुरंत बाद रियो ओलंपिक में पदक जीतने वाली रेसलर साक्षी मलिक ने खेल से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। वहीं, बजरंग पुनिया ने अपना पद्म श्री भी लौटा दिया था।
साक्षी ने की थी संन्यास की घोषणा
साक्षी ने संन्यास की घोषणा करते समय कहा था कि, “मैंने कुश्ती छोड़ दी है लेकिन मैं कल रात से चिंतित हूं, मुझे उन जूनियर महिला पहलवानों के लिए क्या करना चाहिए जो मुझे फोन करके पूछ रही हैं कि जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप 28 दिसंबर से हो रही है और कुश्ती महासंघ इसका आयोजन गोंडा के नंदनी नगर में कर रहा है।” उन्होंने कहा, “गोंडा बृजभूषण का क्षेत्र है, आप कल्पना कर सकते हैं कि जूनियर महिला पहलवान वहां प्रतिस्पर्धा करने के लिए कैसे जाएंगी। क्या राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन के लिए नंदिनी नगर के अलावा देश में कोई और स्थान नहीं था, मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं।”